National modi vs rahul who won the modi rahul battle in the house is the lop preparing for strict action’: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मणिपुर को न्याय दो’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के विपक्षी नारों और अनवरत शोर शराबे के बीच प्रधानमंत्री ने शुरुआत के एक घंटे के संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। लेकिन उसके बाद वे सीधे राहुल गांधी के उन आरोपों पर आ गए, जिसे लेकर सोमवार से ही राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका था।
लोकसभा चुनाव परिणाम के सामने आने के साथ ही यह साफ हो गया था कि इस बार सरकार की राह आसान होने वाली नहीं है। चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में संसद की कार्रवाई देखते हुए वह आशंका पूरी तरह सही साबित होती हुई दिखाई भी दे रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए पहले एक जुलाई को राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया था, तो मंगलवार को अखिलेश यादव ने भाजपा नेताओं को कई अहम मुद्दों पर घेरा। प्रधानमंत्री मोदी के 2.14 घंटे के संबोधन में लगातार हो हल्ला कर विपक्ष ने बता दिया है कि आगामी बजट सत्र में सरकार और सत्ता पक्ष के बीच बहस और गर्म हो सकती है।
प्रधानमंत्री ने इन हमलों का जवाब देते हुए विपक्ष को जमकर धोया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बेहद तीखी चर्चा के बीच लोगों को उस गर्मागर्म बहस को देखा, जिसकी कमी वे पिछले दस साल से महसूस कर रहे थे। लंबे समय से संसद में इस तरह की जोरदार बहस और गर्मागर्म माहौल देखने को नहीं मिला था। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पेपर लीक और अग्निवीर सहित तमाम मुद्दों पर अपना पक्ष रखा, जिस पर विपक्ष का आरोप था कि वे उन मुद्दों पर बोलने से बचते रहे हैं। इसे भी एक मजबूत विपक्ष का दबाव ही कहा जा सकता है।
क्या राहुल पर कड़ी कार्रवाई होने की है संभावना?
‘मणिपुर को न्याय दो’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के विपक्षी नारों और अनवरत शोर शराबे के बीच प्रधानमंत्री ने शुरुआत के एक घंटे के संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। लेकिन उसके बाद वे सीधे राहुल गांधी के उन आरोपों पर आ गए, जिसे लेकर सोमवार से ही राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका था। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद शब्द को स्थापित करने का काम किया था, आज वह हिंदुओं को हिंसक बताने का प्रयास कर रही है। संसद के बाहर भी राहुल गांधी के इस बयान का जबरदस्त विरोध हो रहा है। कई संगठन राहुल गांधी से अपने तथाकथित हिंदू विरोधी बयान के लिए माफी मांगने की मांग कर रहे हैं।
इसके पहले प्रधानमंत्री ने एक कहानी के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की बातों को एक बच्चे की जिद करार देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि बच्चे को बढ़ावा देने के लिए कई बार परिवार के सदस्य उसकी बातों को सही करार देते हैं। लेकिन स्पीकर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब इन हरकतों को स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के बयानों पर जिस तरह का विरोध दर्ज कराया है, माना जा रहा है कि इसे लेकर स्पीकर से कड़ा रुख अपनाने के लिए कहा जा सकता है।
पेपर लीक और अग्निवीर पर भी बोले प्रधानमंत्री
भाजपा ने अपनी चुनावी हार का विश्लेषण करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पार्टी नेतृत्व को बताया है कि उत्तर प्रदेश में करारी हार होने के पीछे अग्निवीर योजना और पेपर लीक के मुद्दे का बड़ा हाथ रहा है। अब तक प्रधानमंत्री सीधे तौर पर इन मुद्दों पर बोलने से बचते रहे थे, लेकिन संसद में चर्चा के दौरान उन्होंने इन पर भी अपना पक्ष खुलकर रखा। प्रधानमंत्री ने देश के छात्रों को आश्वासन दिया कि सरकार पेपर लीक के किसी भी अपराधी को बचने नहीं देगी।
सेना पर दिया संवेदनशील बयान
इस बार के चुनावों में युवा मतदाताओं ने कांग्रेस को बहुत वोट दिया है, जबकि इसके उलट भाजपा को वोट करने वाले युवाओं की संख्या में कमी दर्ज की गई है। इसके पीछे अग्निवीर योजना के कारण युवाओं की नाराजगी को एक बड़ी वजह माना जा रहा है। अपने संबोधन में मोदी ने आरोप लगाया कि सेना से युवाओं का मोहभंग करने के लिए (अग्निवीर योजना के बारे में) भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सेनाओं को सशक्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
रोजगार पर भी बोले
विपक्ष का आरोप रहा है कि प्रधानमंत्री प्रमुख बातों पर कभी अपना पक्ष नहीं रखते। उसका आरोप रहा है कि प्रधानमंत्री रोजगार जैसे अहम मुद्दों पर अपनी राय नहीं रखते। लेकिन अपने संबोधन में मोदी ने स्पष्ट किया कि सौर ऊर्जा और नवीकरणीय उद्यमों में भारी रोजगार पैदा होने के अवसर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में देश में रिकॉर्ड निवेश हुआ है। ग्रीन ऊर्जा के माध्यम से न केवल देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा, बल्कि इनमें स्वरोजगार के अवसर भी बन रहे हैं।