MP, madhya pradesh budget shivraj government engaged in budget preparations: digi desk/BHN/भोपाल/ प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसके पहले शिवराज सरकार वर्तमान कार्यकाल का अंतिम बजट फरवरी-मार्च में प्रस्तुत करेगी। चुनावी वर्ष होने के कारण इसमें सभी वर्गों को साधने के जतन भी होंगे। इसकी तैयारी वित्त विभाग ने प्रारंभ कर दी है। अगले सप्ताह से वित्त विभाग के उप सचिव विभागवार बैठकें करेंगे।
इसमें वर्तमान वित्तीय प्रविधानों के साथ प्रस्तावित कार्र्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। प्रयास यही रहेगा कि केंद्रीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाए ताकि राज्य बजट का अधिक से अधिक उपयोग सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं में किया जा सके। नई योजनाएं वे ही शामिल की जाएंगी, जिनके उद्देश्य की पूर्ति किसी अन्य योजना के माध्यम से नहीं हो सकती है।
शिवराज सरकार ने वर्ष 2022-23 का बजट दो लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया था। यह अब तीन लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। राजस्व संग्रहण भी लक्ष्य के आसपास चल रहा है। सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए अनुपयोगी परिसंपत्ति के विक्रय के साथ अन्य माध्यमों से वित्त प्रबंधन करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। लोक निर्माण विभाग ने सड़क परियोजनाओं के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण लिया है। वहीं, आबकारी नीति के माध्यम से भी राजस्व बढ़ाया जा रहा है।
तीन साल बाद रेत खदान नीलाम करने के लिए नीति लार्ई जा रही है। इसके माध्यम से भी राजस्व बढ़ाने का प्रयास होगा। कुल मिलाकर सरकार अपने वित्तीय स्थिति मजबूत करने के साथ केंद्रीय योजनाओं के भरपूर उपयोग की कार्ययोजना पर काम कर रही है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से केंद्रीय करों के हिस्से में इस वर्र्ष 64 हजार 107 करोेड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। वहीं, 44 हजार 595 करोेड़ रुपये का सहायता अनुदान मिलना अनुमानित है। इस राशि को प्राप्त करने के लिए लंबित प्रस्तावों को प्राथमिकता पर लेकर स्वीकृत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं तो सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर भी केंद्रीय अधिकारियों सेे संवाद बनाकर रखें। इसका लाभ भी प्रदेश को मिल रहा है। कई योजनाओं में प्रदेश का प्रदर्शन देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसे प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त राशि भी दी गई है। इस वर्ष भी 48 हजार करोड़ रुपये का प्रविधान बजट में किया हैै।
योजनाओं के क्रियान्वयन पर रहेगा जोर
सूत्रों का कहना है कि सरकार का जोर नई योजनाओं की जगह मौजूदा योजनाओं के क्रियान्वयन पर अधिक रहेगा। इसके लिए पर्याप्त वित्तीय प्रविधान भी किए जाएंगे। वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि हितग्राहीमूलक एक-एक योजना के पिछले तीन साल के लक्ष्य और प्राप्ति का पूरा विवरण दिया जाए। साथ ही यह भी बताया जाए कि आगामी वित्तीय वर्ष में योेजना के लिए कितनी राशि की आवश्यकता होगी और उससे कितने लक्ष्य की पूर्ति होगी। नई योजना के प्रस्ताव वित्त विभाग की अनुमति से ही बजट में शामिल किए जाएंगे। इसके संबंध में पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा संबंधित मंत्रियों से चर्चा करेंगे और फिर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा। वे जनवरी के दूसरे सप्ताह में अधिकारियों के साथ बजट की तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे।