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Satna: नरवाई न जलाने की अपील, अग्नि दुर्घटना की आशंका


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ उप संचालक कृषि विकास एवं किसान कल्याण ने जिले के किसानों से नरवाई न जलाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि फसल काटने के बाद बचे हुए अवशेष (नरवाई) न जलाएं। नरवाई जलाने से एक ओर जहां खेतों में अग्नि दुर्घटना की आशंका रहती है, वहीं मिट्टी की उर्वरकता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसके साथ ही धुएँ से कार्बन-डाई-ऑक्साइड से तापमान बढ़ता है और वायु प्रदूषण भी होता है।
उप संचालक ने बताया कि मिट्टी की उर्वरा लगभग 6 इंच की ऊपरी सतह पर ही होती है। इसमें खेती के लिए लाभदायक मित्र जीवाणु उपस्थित रहते हैं। नरवाई जलाने से यह नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को नुकसान होता है। नरवाई जलाने के बजाए यदि फसल अवशेषों को एकत्रित करके जैविक खाद बनाने में उपयोग किये जाय तो यह बहुत लाभदायक होगा। नाडेप तथा वर्मी विधि से नरवाई से जैविक खाद आसानी से बनाई जा सकती है। इस खाद में फसलों के लिए पर्याप्त पोषक तत्व रहते हैं। इसके आलावा खेत में रोटावेटर अथवा डिस्क हैरो चलाकर भी फसल के बचे हुए भाग को मिट्टी में मिला देने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है।

प्रदेश में निवासरत गुजरात के मतदाताओं को मतदान के लिए मिलेगा सवैतनिक अवकाश

प्रदेश में निवासरत गुजरात के मतदाताओं को गुजरात में विधानसभा चुनाव में मतदान करने की सुविधा मिलेगी। मतदान के लिए गुजरात जाने पर उन्हें सवैतनिक अवकाश दिया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर श्रम आयुक्त मध्यप्रदेश ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने बताया कि गुजरात में दो चरण में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। वहाँ 182 विधानसभा सीट हैं। पहले चरण का मतदान एक दिसंबर को और दूसरे चरण का मतदान 5 दिसंबर को होगा तथा 8 दिसंबर को मतगणना होगी। ऐसे में मध्यप्रदेश में निवासरत गुजरात के नागरिक मतदान से वंचित न रह जाए, इसके लिए मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश दिए जाने का निर्देश दिए गए हैं। सीईओ श्री राजन ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 (ख) के अनुसार मतदान के दिन किसी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापना में नियोजित हर एक व्यक्ति को लोकसभा, विधानसभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का अधिकार है। मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किए जाने का प्रावधान है।

कोषालय के आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर में हुआ बड़ा बदलाव

शासकीय सेवकों को बिना देरी होगा भुगतान

आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा वर्तमान में संचालित आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर में दूरदर्शी पहल करते हुए न्यू एसपेक्ट ऑफ विजन्ड इनिशिएटिव थीम पर आधारित 2 नवीन सुविधा विकसित की गई है।
वरिष्ठ कोषालय अधिकारी ने बताया कि आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर में आधार आधारित भुगतान प्रणाली एवं कर्मचारियों के पदों की मेपिंग संबंधी नवीन सुविधा विकसित की गई है। आधार आधारित भुगतान प्रणाली द्वारा आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर के सर्वर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सर्वर द्वारा आधार से सीधे बिना मानवीन हस्तक्षेप के शासकीय सेवक/वेंडर के खाते में राशि का भुगतान हो सकेगा। वहीं दूसरी ओर सॉफ्टवेयर में लोकल ऑफिस मेपिंग का कार्य भी किया जा रहा है, जिसमें आहरण एवं संवितरण अधिकारी कार्यालय के अधीन कार्य कर रहे कार्यालयों की एंट्री की जा रही है। मेपिंग में शासकीय सेवकों के पदों की मेपिंग होने के बाद शासन स्तर पर शासकीय सेवकों एवं उनके पदों की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर से शासकीय सेवकों के स्थानांतरण भी किए जा सकेंगे।

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