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Satna: परियोजना अधिकारी की सक्रियता आंगनवाड़ी की गतिविधियों में दिखनी चाहिये- अनुराग वर्मा


कलेक्टर ने की महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि आंगनवाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी बच्चा कम वजन का नहीं रहे, ऐसे चिन्हांकित बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी होनी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि सीडीपीओ और सुपरवाइजर निरंतर अपने क्षेत्र में भ्रमण कर आंगनवाड़ी केंद्रों का पर्यवेक्षण करें। परियोजना अधिकारी एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी कार्यक्रम में प्रो-एक्टिव होकर काम करें। आंगनवाड़ी केंद्र स्तर की गतिविधियों में परियोजना अधिकारी की सक्रियता दिखनी चाहिए। गुरुवार को महिला बाल विकास विभाग की गतिविधियों एवं योजनाओं की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने यह निर्देश दिए। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह और सभी परियोजना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एलके तिवारी एवं बीएमओ भी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी कार्यक्रम को परियोजना अधिकारी गंभीरता से लें। प्रो-एक्टिव होकर एडॉप्टकर्ता से संपर्क कर उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के संबंध में प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र की रंगाई-पुताई के लिए प्राप्त बजट का सदुपयोग कर आंगनवाड़ी केंद्र को बाल सुलभ आकर्षक रूप देवें। उन्होंने कहा कि हमारी आंगनवाड़ी सुव्यवस्थित रहे और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हम सब की जिम्मेदारी है। कलेक्टर ने कहा कि परियोजना क्षेत्र में कम वजन के मैम बच्चों और अत्यंत कम वजन के सैम बच्चों के घर-घर जाकर परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर परिवारों को पोषण के बारे में समझाईश दें तथा स्वास्थ्य के बारे में निगरानी करें। कलेक्टर ने कहा कि मैम से सैम हुए सभी 34 बच्चों के घर-घर जाकर महिला बाल विकास के अधिकारी भ्रमण करेंगे और वैक्सीनेशन का फॉलोअप सहित जानकारी का प्रतिवेदन अगले हफ्ते प्रस्तुत करेंगे।

जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में नवंबर तक के अनुमानित लक्ष्य 13 हजार 383 के विरुद्ध 11176 हितग्राही का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जो कि 83.51 प्रतिशत की उपलब्धि है। कलेक्टर ने 80 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाली परियोजना अमरपाटन, नागौद, रामनगर, चित्रकूट-1, सतना-1 के परियोजना अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बताया गया कि नवंबर तक के लक्ष्य 6188 के विरुद्ध 4664 बालिकाओं का पंजीयन हुआ है, जो कि 75.37 प्रतिशत है। लाडली लक्ष्मी में रामपुर-1 परियोजना की 100 प्रतिशत, सतना-2 की 96.97 प्रतिशत एवं सतना-1 की 96.34 प्रतिशत उपलब्धि पाए जाने पर कलेक्टर ने प्रसन्नता व्यक्त की। इसी प्रकार 70 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाली परियोजना रामपुर-2, मैहर-1, रामनगर, अमरपाटन, चित्रकूट-1, नागौद-1 के परियोजना अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
पोषण ट्रैकर एप की फीडिंग में बताया गया कि कुल 2 लाख 603 हितग्राही में से 1 लाख 90 हजार 60 हितग्राहियों का आधार वेरीफाई कर लिया गया है, जोकि 94.74 प्रतिशत है। कलेक्टर ने आधार वेरिफिकेशन में परियोजना मैहर-2 को 90 प्रतिशत से कम उपलब्धि पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
आईएमएएम कार्यक्रम की जानकारी में बताया गया कि अनुमानित लक्ष्य 1317 सैम बच्चों के विरुद्ध 1398 बच्चे पंजीकृत किए गए हैं। जिनमें इस साल तक 720 बच्चे सैम की श्रेणी से सामान्य श्रेणी और 385 बच्चे सैम से मैम श्रेणी में लाए गए हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई की जानकारी में बताया गया कि मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में 15 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। 42 बच्चों के प्रकरण और तैयार किए गए हैं। मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना में 33, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन में 14, शासकीय स्पॉन्सरशिप योजना में 26 और निजी स्पॉन्सरशिप योजना में 157 बच्चों को लाभ दिया गया है।

निजी स्पॉन्सरशिप योजना में मिला 40 लाख का सहयोग

जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि अटल बाल मित्र योजना के अंतर्गत कलेक्टर अनुराग वर्मा की पहल और प्रयासों से निजी स्पॉन्सरशिप योजना में दानदाताओं, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से 40 लाख 50 हजार 625 रुपए की आर्थिक मदद संग्रहित की गई है। जिससे निजी स्पॉन्सरशिप योजना में 157 बच्चों का पालन-पोषण और परिवरिश की जा रही है। अब तक इन बच्चों पर 15 लाख 69 हजार रुपये व्यय हुए हैं। जबकि 24 लाख 80 हजार रुपए की राशि शेष है। योजना में इस राशि से प्रत्येक बच्चे को 2 हजार रुपये मासिक और उसके पोषण में राशि खर्च की जा रही है।

नलजल योजना, स्कूल, आंगनवाड़ी कनेक्शन के एस्टीमेट एक हफ्ते में प्रस्तुत करें

विद्युत वितरण कंपनी के कार्यों की समीक्षा

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने हर घर नल जल की योजना जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा तीन विकासखंडों में संचालित होने वाली नल जल योजना, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में कनेक्शन के लिए एस्टीमेट एक हफ्ते में प्रस्तुत करने के निर्देश विद्युत कंपनी के अधिकारियों को दिए हैं। इसी प्रकार अगली टीएल बैठक में जूनियर इंजीनियरवार जारी एस्टीमेट की डिटेल प्रस्तुत करने के निर्देश अधीक्षण यंत्री विद्युत को दिए हैं। इस मौके पर अपर कलेक्टर संस्कृति जैन, अधीक्षण यंत्री जीडी त्रिपाठी, संभागीय अभियंता अमरपाटन, मैहर, नागौद रामपुर बघेलान, सतना सिटी एवं सतना ग्रामीण संभाग उपस्थित थे।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 16 नल जल योजना और लगभग 500 से अधिक स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों में विद्युत कनेक्शन के एस्टीमेट अब तक प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी प्रकट की। अधीक्षण यंत्री ने कैश कलेक्शन के बारे में बताया कि एलटी और एचटी कनेक्शन के बिल चालू माह में 45 करोड़ 45 लाख और अक्टूबर तक 776 करोड़ 49 लाख का कैश कलेक्शन हुआ है। कलेक्टर ने रामपुर बघेलान संभाग में कलेक्शन डब्ल्यूआरटी इनपुट में माइनस 59 की गिरावट पर रामपुर बघेलान संभाग के कार्यपालन यंत्री और 9 प्रतिशत पर कार्यपालन अभियंता अमरपाटन संभाग को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
फीडर ट्रिपिंग की मॉनिटरिंग के संबंध में बताया गया कि जिले के 33 केवी के 66 कुल फीडरों में माह में 5 बार से अधिक ट्रिपिंग औसतन 14 फीडर, 11 केवी के 134 कुल फीडरों में 104 में पाई गई है। कुल 50 कृषि फीडरों में 8.33 घंटे और अकृषि 136 फीडरों में औसत सप्लाई 22.44 घंटे तथा मिक्स फीडर 224 में औसतन 22.10 घंटे विद्युत की सप्लाई प्रतिदिन पाई गई है। सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में सभी संभागों में 2450 शिकायतें पेंडिंग पाई गई हैं। कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग में सुधार लाने और सतना सिटी संभाग, मैहर संभाग और रामपुर बघेलान संभाग में सर्वाधिक शिकायतें लंबित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
अधीक्षण यंत्री ने बताया कि जिले में कुल 26 हजार 622 ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। जिनमें इस साल अब तक 2312 ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं। जबकि 2290 ट्रांसफार्मर रिप्लेस किए गए हैं। बदलने योग्य ट्रांसफॉर्मर्स में कुल 142 नॉन-इलिजिबल तथा 39 इलिजिबल शेष हैं।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि इलिजिबल ट्रांसफार्मर को समय-सीमा के भीतर समय पर बदले जाएं। इसी प्रकार नॉन-इलिजिबल ट्रांसफार्मर को एलिजिबल बनाने गांव या डीसी स्तर पर शिविर लगाकर लोगों और किसानों को समझाईश देकर बकाया जमा कराएं। नॉन-इलिजिबल को इलिजिबल श्रेणी में लाकर जले हुए ट्रांसफार्मर रिप्लेस कराएं।

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