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Satna: ‘डी’ श्रेणी में नहीं रहे कोई विभाग, 6 दिन में सुधारें परफॉर्मेंसः अपर कलेक्टर


समय-सीमा प्रकरणों की बैठक संपन्न


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सीएम हेल्पलाइन की मासिक ग्रेडिंग में अभी 6 दिनों का समय है। इन दिनों में सभी विभाग अपनी सीएम हेल्पलाइनों का संतुष्टि पूर्ण निराकरण कर परफॉर्मेंस में सुधार लाएं। ग्रेडिंग के दौरान कोई भी विभाग ‘डी’ श्रेणी में नहीं रहना चाहिए, अन्यथा कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी। इस आशय के निर्देश सोमवार को समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा के दौरान अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने दिए। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, एसडीएम नीरज खरे, धर्मेंद्र मिश्रा, एचके धुर्वे, राजेश मेहता, धीरेंद्र सिंह, एसके गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर सुरेश जादव सहित विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने राज्य शासन के निर्देशानुसार 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के शहडोल में राज्य स्तरीय समारोह एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य की समीक्षा में अपर कलेक्टर ने आईडी की संख्या बढ़ाकर शेष लक्ष्यानुसार आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आधार अपडेशन के लिए स्कूलों में भी कैंप लगाएं और इसकी सूचना हेडमास्टर और बीआरसी को पहले से देवें। विकासखंडवार आयुष्मान की प्रगति में बताया गया कि अब तक 11 लाख 7 हजार 593 कुल आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इस सप्ताह 27 हजार 625 कार्ड बने हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 4 लाख 10 हजार 955 कार्ड लक्ष्य अनुसार बनना शेष हैं। नगरीय निकायों में 2 लाख 61 हजार 621 कार्ड बनाए जाने हैं। जिसमें 4867 इस सप्ताह बने हैं और कुल 42 हजार 834 आयुष्मान कार्ड बनाए जाने शेष है।

सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में बताया गया कि पिछले सप्ताह 14765 कुल शिकायतें थी। जिनमें 371 की वृद्धि होकर इस सप्ताह 15136 हो गई हैं। माह में प्राप्त शिकायतों में 1450 कम होकर 5947 से 4497 शिकायतें शेष हैं। अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने कहा कि अभी 7 विभाग खाद्य, सामान्य प्रशासन, जल संसाधन, कृषि, वन, वित्त और राजस्व ‘डी’ श्रेणी में है। प्रयास करें कि कोई भी विभाग ‘डी’ श्रेणी में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि इस माह की ग्रेडिंग के पहले की यह अंतिम टीएल है। अगली टीएल में ‘डी’ श्रेणी में पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी। विभागों में मांग क्लोजर और फोर्स क्लोजर की शिकायतों में समय पर प्रस्ताव भेजें।
समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी), जल जीवन मिशन के कार्य, सीएम आवासीय भू-अधिकार योजना, खाद्यान्न वितरण, खाद-उर्वरक वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने की संक्षिप्त पुनरीक्षण की समीक्षा

अपर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संस्कृति जैन ने फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के चल रहे संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान 1949 मतदान केंद्रों में से 400 बीएलओ के पास कोई आवेदन नहीं आने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 9 नवंबर से शुरू हुए संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य में 12 और 13 नवंबर को मतदान केंद्रों में बीएलओ स्तर पर विशेष शिविर भी आयोजित हुए हैं, फिर भी 400 मतदान केंद्रों में एक भी आवेदन नहीं मिलना बीएलओ की निष्क्रियता का द्योतक है। उन्होंने कहा कि नवंबर माह तक जिले में 70 हजार फॉर्म प्राप्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने सभी रजिस्ट्रीकरण और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को प्रत्येक विधानसभावार 10-10 हजार फॉर्म प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया।

बाल श्रम एवं किशोर श्रमिकों की विमुक्ति के लिये चलेगा एक माह का विशेष अभियान

जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में दी गई जानकारी

संपूर्ण मध्यप्रदेश में बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत बाल एवं किशोर श्रमिकों को कार्य से मुक्त कराने 10 नवंबर से 10 दिसंबर तक एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस आशय की जानकारी सोमवार को अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट संस्कृति जैन की अध्यक्षता में संपन्न जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में दी गई। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष राधा मिश्रा, सदस्य जान्हवी त्रिपाठी, चांदनी श्रीवास्तव, उमा श्रीवास्तव, रेखा सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एलके तिवारी, सहायक श्रम पदाधिकारी शैलेंद्र मोहन पटेरिया, नगरीय निकायों के सीएमओ, सहायक संचालक श्याम किशोर द्विवेदी, सहायक बाल संरक्षण अधिकारी अमर सिंह सहित सभी स्टेक होल्डर्स भी उपस्थित थे।
जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में बताया गया कि जिला टास्क फोर्स के समन्वय से 10 दिसंबर तक बाल श्रम में लगे बच्चों का विमुक्तिकरण कराया जाएगा। इसके साथ ही वर्किंग चाइल्ड सर्वे भी कराया जाएगा। अभियान के दौरान उन क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा, जहां बाल श्रमिकों की संभावना अधिक है। इनमें ईट-भट्टे, क्रेशर, ढाबे, रेस्टोरेंट, तंबाकू उद्योग, शराब के अहाते, किराना की बड़ी दुकाने, मोटर गैरेज, पान मसाला और चाय की छोटी दुकानों में विशेष निगरानी रखी जाएगी।

अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने कहा कि सतना जिले के हर ब्लाक में श्रम निरीक्षक पदस्थ हैं। अपने-अपने क्षेत्र में बाल श्रम नियोजन संबंधी स्थानों की रेकी कर नोडल अधिकारी टास्क फोर्स को सूचना दें। इसके अलावा पूर्व में बाल श्रमिक नियोजित पाए गए संस्थानों का पुनः निरीक्षण कराएं।
जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी में बताया गया कि जिले में शासकीय स्पॉन्सरशिप योजना में 42 हितग्राही, निजी स्पॉन्सरशिप योजना में 157, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना में 35, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में 15, स्ट्रीट चिल्ड्रन सर्वे में 53, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना में 14 हितग्राही बालक-बालिका लाभान्वित हुए हैं। दत्तक ग्रहण संस्थाओं से एक जनवरी 2010 से अब तक 150 बालक-बालिकाओं को दत्तक ग्रहण कराया गया है। पॉक्सो एक्ट की जागरूकता और प्रचार-प्रसार के लिए शहर और कस्बों के बालिका छात्रावास और कन्या विद्यालयों में कार्यशालायें आयोजित की गई हैं। बाल कल्याण समिति के माध्यम से पॉक्सो पीड़ित के 6 प्रकरणों में सहायता और पुनर्वास की सराहनीय कार्यवाही जिले में संपादित हुई है। चाइल्डलाइन के माध्यम से 1 अगस्त से अक्टूबर 2022 तक 88 केस रजिस्टर्ड हुए हैं। संस्था द्वारा आउटरीच प्रोग्राम, जागरूकता हेल्प लाइन 1098 का प्रचार-प्रसार तथा शेल्टर होम की सुविधा भी दी जा रही है।

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