सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार दीपावली पर्व पर स्थानीय एवं ग्रामीण कारीगरों और गरीब महिलाओं के स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित मिट्टी, गोबर के दीपक, दीपमाला और धार्मिक प्रतीकों को नगरीय निकाय क्षेत्र में लाने और विक्रय किए जाने पर बाजार एवं तहबाजारी के शुल्क/कर से छूट प्रदान की गई है। मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि पर्यावरण-संरक्षण तथा स्थानीय कौशल एवं उस पर आधारित स्व-रोजगार को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और 5 नवंबर 2022 तक प्रभावी रहेगा।
प्रदेश में भी संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जायेगा
प्रदेश में संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जायेगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने समस्त कमिश्नर एवं कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। निर्देश में कहा गया है कि राजधानी भोपाल के जिन सरकारी भवनों में नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहाँ संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज भी फहराया जाये। इसी तरह जिला मुख्यालयों पर भी राष्ट्रीय ध्वज के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज सरकारी भवनों में फहराया जाए। जीएडी द्वारा जारी किये गये पत्र में भारतीय झंडा सहिंता-2022 के पेरा 3.36 का उल्लेख करते हुए निर्देश का पालन करने के लिये भी कहा गया है।
महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों की आयु सीमा में छूट यथावत रहेगी, मेरिट के आधार पर दिए जाएगें वरीयता अंक
महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक, क्रीडा अधिकारी तथा ग्रंथपाल के पद के अभ्यार्थी अतिथि विद्वानों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन परीक्षा में आयु सीमा की छूट यथावत रहेगी। मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार चयन प्रक्रिया में आवेदित विषय में अतिथि विद्वान द्वारा शासकीय महाविद्यालय में किए गए शिक्षण कार्य के आधार पर विभाग निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रति सत्र अधिकतम 4 अतिरिक्त वरीयता अंक के मान से (अधिकतम 20 अंक की सीमा तक) वरीयता अंक दिए जाएंगे, जो अंतिम मेरिट सूची में जोड़े जुडेंगे।
अतिथि विद्वानों को यह छूट वर्ष 2022 तक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से विज्ञापित होने वाली चयन प्रक्रियाओं में केवल उन अतिथि विद्वानों को दी जायेगी जो सत्र 2019-20 में किसी शासकीय महाविद्यालय में अतिथि विद्वान के रूप में कार्यरत है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अतिथि विद्वानों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।