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Satna: शहर की चौपाटी में जला हिन्दी में ज्ञान प्रकाश का दीप


सतना, भास्करः हिंदी न्यूज़/ पूरे देश में मध्यप्रदेश राज्य हिंदी में मेडिकल की शिक्षा देने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा हिंदी माध्यम से दिए जाने की शुरुआत रविवार को देश के गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह भोपाल के कार्यक्रम से चिकित्सा शिक्षा की किताबों का विमोचन कर करेंगे। प्रदेश में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा की शुरुआत की पूर्व संध्या पर सतना जिले के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शनिवार की शाम 6ः30 बजे हिंदी के ज्ञान प्रकाश का दीप प्रज्वलन कार्यक्रम किया गया।
सतना शहर का प्रमुख कार्यक्रम सिविल लाइन स्थित चौपाटी में आयोजित किया गया। यहां महापौर नगर निगम सतना योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, आयुक्त नगर निगम राजेश शाही, स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आरएस गुप्ता, उपायुक्त भूपेंद्र देव परमार, जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित, डीपीसी विष्णु त्रिपाठी, महाविद्यालय की एनएसएस प्रभारी क्रांति मिश्रा ने चौपाटी में हिंदी के ज्ञान प्रकाश के दीप प्रज्वलित किए।

हिंदी के ज्ञान प्रकाश का मुख्य कार्यक्रम एकेएस यूनिवर्सिटी में आज

मध्यप्रदेश में हिंदी माध्यम से मेडिकल शिक्षा की शुरुआत 16 अक्टूबर से होने जा रही है। इस अवसर पर भोपाल के राज्यस्तरीय कार्यक्रम से देश के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम की हिंदी भाषी पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण जिले के दोनों विश्वविद्यालय, सभी महाविद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में समारोह पूर्वक देखा जाएगा। सतना शहर का हिंदी में ज्ञान प्रकाश का जिला स्तरीय कार्यक्रम रविवार 16 अक्टूबर को प्रातः 11 से एकेएस यूनिवर्सिटी शेरगंज सतना के सभाकक्ष में होगा।

ग्रामोदय विवि में हिंदी के महत्व विषय पर व्याख्यान आयोजित

कुलपति प्रो भरत मिश्रा के नेतृत्व में छात्रों, शिक्षको कर्मचारियों ने एक-एक दीप प्रज्वलित किया


हिंदी में ज्ञान के प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में शनिवार को महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के तत्वावधान में ‘हिंदी की महत्ता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बी.ए., बी.एससी., बी कॉम. एवं अभियांत्रिकी के छात्रों को विस्तृत जानकारी भी दी गई कि पहली बार मेडिकल की शिक्षा हिंदी में देने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बना है। एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी में तैयार पाठ्य-पुस्तकों का लोकार्पण केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 16 अक्तूबर को भोपाल में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट प्रोफ़ेसर भरत मिश्रा ने की। मुख्य वक्ता के रूप में अध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल प्रोफेसर श्रीकांत सिंह द्वारा हिंदी की महत्ता विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। प्रोफ़ेसर सिंह ने सर्वप्रथम केन्द्र सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल की शिक्षा हिंदी भाषा में दिए जाने का यह जो अद्वितीय कार्य इन दोनों सरकारों ने किया है, वह असंभव को संभव बनाने जैसा है। अभी तक मेडिकल एवं ज्यूडिसियरी का सारा का सारा कार्य अंग्रेजी भाषा में होता रहा है, जबकि हमारी ज्ञान संपदाएं संस्कृत भाषा में हैं। अब डॉक्टर हमारी भाषा में चिकित्सा व्यवस्था को उपलब्ध कराएगा। इस दिशा में निश्चय ही सफलता मिलेगी। हिंदी भाषा के महत्व का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि निश्चय ही अब हमारा चिकित्सक अपनी बुद्धि, कौशल एवं संसाधनों का उपयोग कर अपनी ही भाषा में अपने परिवेश के अनुरूप मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करेगा। फलतः अब हमें गांव गांव में चिकित्सक उपलब्ध होंगे। यह एक प्रशंसनीय पहल है। चिकित्सा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का पहला नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। साथ ही चिकित्सा छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी। हिंदी भाषा भाषा नहीं बल्कि एक विचार है। रोजगार देने का सशक्त माध्यम है। चिकित्सा शिक्षा में हिंदी माध्यम बनाए जाने से शिक्षा का उन्नयन हिंदी में होगा और विकास की प्रक्रिया भी तीव्रतर होगी।

अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर भरत मिश्रा ने कहा कि लड़ाई, पढ़ाई एवं दवाई तीनों महंगी है। मनुष्य की मूल अभिव्यक्ति उसकी अपनी मातृभाषा में होती है। हमारा देश बहुसंख्यक हिंदी भाषी है फिर भी चिकित्सा की पढ़ाई कठिन थी। अब मध्यप्रदेश सरकार की सार्थक पहल से एक गौरवशाली ऐतिहासिक परंपरा की शुरुआत हो रही है जो हिंदी के विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। हिंदी केवल आस्था, सम्मान, संस्कार की भाषा ही नहीं अब अभियांत्रिकी, चिकित्सा, कृषि, तकनीकी विषयों के अभिव्यक्ति की सशक्त भाषा बन चुकी है। अधिष्ठाता, कला संकाय प्रोफ़ेसर नंदलाल मिश्र ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासन की यह पहल निश्चय ही हिंदी भाषा के विकास को एक नई दिशा देगी। कार्यक्रम का संयोजन डॉ कुसुम सिंह, अध्यक्ष, हिंदी विभाग ने किया एवं कुशल संचालन डॉ ललित कुमार सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं समस्त संकाय के विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में सायं 6.30 बजे से गांधी उपवन में हिंदी भाषा उत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत ‘एक शाम हिंदी के नाम’ आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हिंदी के प्रयोग एवं उपयोगिता पर विचार विमर्श के बाद कुलपति प्रो भरत मिश्रा के नेतृत्व में छात्र, शिक्षक, अधिकारियों ने एक-एक दीपक प्रज्वलित किया।

मातृभाषा में पढ़ाई की सुविधा मिलने से ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा में मिलेंगे नये अवसर

शिक्षण संस्थाओं में मातृभाषा में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई की जानकारी विद्यार्थियों को दी गई

मातृभाषा किसी भी शिशु की पहली भाषा होती है, जिसके माध्यम से वह बोलना सीखता है। अभी तक मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को भाषा की समस्या होने के कारण कम संख्या में सफल हो पा रहे थे। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें तैयार कर ली गई है। 16 अक्टूबर को देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल लाल परेड ग्राउण्ड से मध्यान्ह 12 बजे समारोह पूर्वक इस सुविधा का शुभारंभ किया जाएगा। यह जानकारी शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना के प्राचार्य डॉ आरएस गुप्ता ने स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना में आयोजित विद्यार्थी बाल सभा के माध्यम से वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को दी।

प्राचार्य डॉ गुप्ता ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश द्वारा हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई प्रारंभ करना केवल हिंदी में पढ़ाई ही नहीं बल्कि देश एवं हिंदी भाषी लोंगो के लिये एक उपलब्धि और गौरव का विषय है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के अन्य देशों जैसे रुस, जापान, चाइना एवं अन्य देशों में उनकी ही मातृभाषा में मेडीकल की पढ़ाई की जाती है। इन सभी देशों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने नवीन शिक्षा नीति का पालन करते हुये हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई शुरु करने का निर्णय लिया है। इस दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं के द्वारा अतिथियों से सवाल किए गए, जिसके जवाब अन्य अतिथियों के द्वारा दिये गये। इस अवसर पर डॉ संतोष उपाध्याय, डॉ अभिनाथ सिंह, डॉ विनोद विश्वकर्मा, एनएसएस प्रभारी डॉ क्रांति राजौरिया सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहें।

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