सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रविवार को यूपी और मध्यप्रदेश की चित्रकूट सीमा पर स्थित सुरंगी टोला की एक बालिका का गंभीर रूप से कमजोर स्वास्थ्य का वीडियो वायरल होने पर कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देश पर जिला महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम सुरंगी पहुंची और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में लाकर एनआरसी में भर्ती कराया गया। कलेक्टर के निर्देश पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपचार सेवाओं के दृष्टिगत बालिका को दोपहर जिला चिकित्सालय सतना रेफर कर उपचार सेवाएं दी जा रही हैं। कलेक्टर श्री वर्मा ने बताया कि फिलहाल बच्ची के स्वास्थ्य पर 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी की जा रही है। बच्ची को सामान्य रुप से स्वस्थ स्थिति में आने तक जिला चिकित्सालय में रखा जाएगा। बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति अभी सामान्य है। उसे काई शारीरिक परेशानी नही हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह ने वस्तुस्थिति के बारे में बताया कि 7 वर्षीय बच्ची का जन्म 2015 में हुआ था। चित्रकूट के वार्ड क्रमांक 13 के अंतर्गत आने वाला सुरंगी टोला सेक्टर में आंगनवाड़ी केंद्र 2017 से खोला गया है। तब से निरंतर आंगनवाड़ी केंद्र की सेवाएं दी जा रही हैं। सोमवती नामक बालिका को महिला बाल विकास की सेवाओं के साथ दो बार जुलाई 2019 और नवंबर 2020 में एनआरसी सामुदायिक केंद्र मझगवां में भर्ती कर उपचार किया गया है। बालिका की देखरेख उसके नाना और मौसी द्वारा घर पर की जाती है। श्रम मजदूरी करने बाहर जाने पर बच्चे की देखभाल उचित रूप से नहीं हो पाती। चित्रकूट के वार्ड 13 की आंगनवाड़ी केंद्र में 5 वर्ष तक के बच्चों की कुल संख्या 54 हैं और जनसंख्या 580 है। जिनमें अधिकतर मवासी अनुसूचित जनजाति के हैं।
मझगवां जनपद अंतर्गत चित्रकूट-1 परियोजना में 5 वर्ष तक के कुल बच्चों की संख्या 15875 है। जिनमें मध्यम श्रेणी के कमजोर 812 और 181 सैम बच्चे हैं। जिला प्रशासन, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट एवं सामुदायिक सहभागिता से परियोजना की 28 ग्राम पंचायतों के 70 आदिवासी ग्रामों में कुपोषण के विरुद्ध प्रोजेक्ट बचपन भी शुरू किया गया है। जिसके तहत माताओं को फोकस कर क्षमता वृद्धि कर बच्चों को पोषित बनाने की योजना है। ग्रामोदय और डीआरआई भी पोषण आरोग्य रूप में अतिरिक्त पोषण सेवाएं प्रदान कर रहा है।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के अमले को मझगवां के आदिवासी क्षेत्र में समर्पण के साथ दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि महिला बाल विकास संचालनालय भोपाल से मामले की जांच के लिए विभाग की विशेष टीम आ रही है। जांच के दौरान सेवाओं में कमी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही भी की जाएगी।