कलेक्टर मैहर ने समय-सीमा की बैठक में दिये निर्देश

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मैहर में समय-सीमा की बैठक में अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण गंभीरता के साथ करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि पोर्टल पर अधिकारियों द्वारा अंकित किये जाने वाले जवाब गुणवत्तापूर्ण होने चाहिये। कलेक्टर ने कहा कि अनेकों बार विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद भी सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों को अटेंड करने में लापरवाही बरती जा रही हैं। उन्होने कहा कि यदि अब शिकायत नॉट अटेंड हुईं तो संबंधित विभाग के खिलाफ नोटिस जारी की जायेगी और संबंधित अधिकारी का एक दिवस का वेतन भी काटा जायेगा। सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों की समीक्षा में पाया गया कि इस माह की 62 शिकायतें नॉट अटेंड हैं। कलेक्टर ने कहा कि विभागीय अधिकारी ध्यान रखें कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायते नॉट अटेंड नही होनी चाहिए। 50 दिवस से अधिक लंबित शिकायतो का संतुष्टिपूर्ण निराकरण करते हुये बंद करायें। कलेक्ट्रेट मैहर के सभाकक्ष में अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, एसडीएम विकास सिंह, आरती यादव, डॉ आरती सिंह सहित सतना और मैहर जिले के विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में पाया गया स्वास्थ्य विभाग की सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में 5 शिकायते नॉट अटेंड हैं। सीएम हेल्प लाइन में लंबित शिकायतो का निराकरण नहीं करने एवं संतुष्टिजनक जवाब नहीं देने पर कलेक्टर ने विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर की। स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुये कलेक्टर ने कहा कि प्रसूति सहायता पोर्टल में दिक्कतों के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसकी वजह से हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में अनेकों बार दिशा-निर्देश दिये गये हैं। फिर भी अधिकारियों द्वारा शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने सभी बीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। साथ ही निर्देशित किया कि प्राप्त शिकायतो का निराकरण करना सुनिश्चित करें। हितग्राहियों के लाभ से संबंधित शिकायतें लंबित नहीं रहनी चाहिये। कलेक्टर ने कहा की जिस हितग्राही को योजना के तहत भुगतान किया जा चुका हैं। उन शिकायतो को संतुष्टि पूर्वक बंद करवाए और जो अपात्र हितग्राही है और योजना के लाभ के लिए सीएम हेल्पलाइन शिकायत डालते हैं, उन्हे डिमांड क्लोज से बंद करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती बाटड ने कहा कि गुरुवार को क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जीतनगर के आंगनवाड़ी केंद्र बंद मिली थी। इस पर प्रभारी महिला एवं बाल विकास अधिकारी को संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध केंद्र बंद रखने के संबंध नोटिस जारी करने को कहा गया था। उन्होने प्रभारी अधिकारी को निर्देशों का पालन नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये पूंछा कि अब तक नोटिस जारी क्यों नहीं की गई है। खाद्य सुरक्षा विभाग को टीएल में अनुपस्थित रहने और वसूली न करने और कम सैंपलिंग करने के लिए फटकार लगाते हुए सैंपलिंग और वसूली का प्रतिदिन की जानकारी देने के निर्देश दिए। साथ मैहर जिले में हेडक्वार्टर बनाने और हफ्ते में मैहर जिले के लिए दिन निर्धारित करने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा की सभी विभागो की सीएम हेल्पलाइन की शिकायते अन्य विभाग को हर महीने की 10 तारीख के पहले तक ही ट्रांसफर की जायेंगी। 10 तारीख के बाद भेजे जाने पर उसी विभाग को वापस भेज दी जायेंगी। प्राकृतिक प्रकोप विभाग में दो शिकायत हैं। जिसमे मुआवजे में मिली राशि से अधिक की मांग की जा रही हैं। जिन्हे कलेक्टर ने फोर्स क्लोज करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि बोर और ट्यूबवेल के लिए पोर्टल बनाया गया है। जिसमे बोर करने वाली मशीनों का पंजीयन किया जायेगा। इस पोर्टल के माध्यम से बोर करवाने के आवेदन प्राप्त किए जायेंगे और साथ ही पोर्टल के माध्यम से अनुमति प्रदान की जायेगी।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करें-कलेक्टर श्रीमती बाटड
बाढ़ आपदा संबंधी बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश
कलेक्टर मैहर श्रीमती रानी बाटड ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक लेकर अतिवर्षा, बाढ़ आपदा की स्थिति से निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत सुश्री संजना जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य, अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, एसडीएम मैहर विकास सिंह, एसडीएम रामनगर डॉ आरती सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्रीमती बाटड ने कहा कि आगामी दिनों में वर्षा के मौसम में किसी भी प्राकृतिक आपदा व बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें तथा अपने-अपने विभाग की आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार कर प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए हरसंभव तैयारी करें। उन्होंने ने कहा कि वर्षा ऋतु से पूर्व सभी ऐसे पुल-पुलियाओं पर साइन बोर्ड लगवायें जो अधिक वर्षा में खतरनाक सिद्ध होते हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के मोबाईल नम्बर, वाहनों, उपलब्ध संसाधनों की जानकारी संकलित रखें। अपनी जिम्मेदारी के साथ कार्य पूर्ण करें। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां भी बाढ़ की स्थिति निर्मित होने वाली हो उससे पूर्व आसपास के लोगों को सतर्क कर लें, ताकि कोई दुर्घटना न हो। उन्होंने कहा कि समय रहते सामुदायिक भवनों को भी चिन्हित कर लें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग आश्रय स्थल के रूप किया जा सके।