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Anuppur: रमना गांव में डायरिया का प्रकोप, 15 दिन में 4 की मौत

अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/  जिले के पुष्पराजग़ढ़ विकासखंड के खमरौध उपस्वास्थ्य केंद्र के गांव में डायरिया का प्रकोप है। 15 दिन में चार लोगों की मौत उल्टी-दस्त से हो चुकी है और सैक़ड़ों बीमार हैं। कुंआ, झरिया का दूषित पानी पीने के कारण क्षेत्र के ग्रामीण बीमार हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित गांव का दौरा करते हुए शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है और गंभीर लोगों को अस्पताल भेजकर उपचार कराया जा रहा है।

जानकारी अनुसार पुष्प राजग़ढ़ विकासखंड अंतर्गत सुदूर अंचल ग्राम रमना नं.2 में 9 अगस्त को स्थानीय निवासी विश्राम (13) पिता छोटेलाल बैगा की मृत्यु उल्टी-दस्त से हुई थी। यह जानकारी मिलने पर गांव की आशा एवं आशा सुपरवाइजर द्वारा ग्राम का भ्रमण कर सेक्टर मेडिकल आफीसर खमरौध एवं सेक्टर सुपरवाइजर को इसकी सूचना दी गई 11अगस्त को ग्राम मिठ्ठू महुआ, टिटही जैतहरी, अहिरगवां एवं शीतलपानी में स्वास्थ विभाग की टीम ने दौरा किया था और 5 मरीजों को बीमार होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खमरोध में भर्ती कर उनका इलाज किया। बताया गया 13 अगस्त को ओमवती बाई (24) पति पूरन सिंह मायके गई थी और वहां उल्टी-दस्त से मौत हो गई। इसी तरह गांव के रामलाल (50) पिता चुनुवा की मृत्यु जिला चिकित्सालय शहडोल में 17 अगस्त को डायरिया से हुई। 19 अगस्त को भारतलाल (26) पिता सम्हारू बैगा की मृत्यु एंबुलेंस में लाने तक हो गई थी।

95 मरीजों का किया गया उपचार, तीन को किया रेफर
इस बारे में विकास खंड चिकित्सा अधिकारी पुष्पराजग़ढ़ डाक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया है कि 13 अगस्त को स्वयं उनके एवं स्टाफ के द्वारा ग्राम कुम्हनी तथा खमरौध का भ्रमण किया गया था जहां मेडिकल आफीसर खमरौध के द्वारा मरीजों के बारे में जानकारी दी गई थी और बताया गया कि अस्पताल में चार लोग भर्ती है जिनका उपचार चल रहा है स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 17 अगस्त को ग्राम पंचायत कुम्हनी में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 95 मरीजों का इलाज एवं उपचार किया गया जिसमें 15 मरीजों को आइवी सेट लगाकर उपचार किया गया जबकि सामान्य मरीजों को दवा दी गई। गंभीर 3 मरीजों को इलाज हेतु रेफर किया गया जिसमें एक को जिला चिकित्सालय शहडोल एवं 2 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खमरौध में भर्ती हैं।
20 अगस्त को ग्राम सरफा और खिरनी में 64 एवं ददरा सिलवारी में 61 मरीजों का जांच एवं उपचार किया गया। कुई गांव में 11 लोग बीमार मिले जिनका उपचार चल रहा है। बीएमओ पुष्पराजग़ढ़ ने बताया है कि मुख्यतः पानी के इन्फेक्शन से उल्टी दस्त सम्भावित है क्योंकि इन ग्रामीणों द्वारा झिरिया का पानी एवं हैडपंप के पानी का इस्तेमाल किया जाता हैं जो की वर्षा की वजह से गन्दा रहता और यही लोगों को बीमार कर दिया है। यहां के और भी लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका हैं संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के कुएं में ब्लीचिंग पाउडर तथा घर-घर जाकर क्लोरीन टेबलेट वितरण की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा यहां के प्रभावित ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है। रविवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस सी राय, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी पुष्पराजग़ढ़ तथा टीम द्वारा प्रभावित गांव का सघन भ्रमण कर ग्राम टिटिही जैतहरी. प़ड़मनिया, कुई और ब़ड़ीतुम्मी, धुराधार, अहिरगवां के ग्रामीण जनों एवं जनप्रतिनिधियों से मिल कर साफ-सफाई, पीने के पानी की स्वच्छता और क्लोरीन टेबलेट के उपयोग करने एवं बीमार होने पर तुरन्त सूचना देने के बारे में जानकारी दी गई।इस दौरान ग्रामीणों को बताया गया कि नजदीकी उपस्वास्थ्य केंद्र में उल्टी-दस्त की दवाई और पानी की सफाई की दवाई क्लोरीन टेबलेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

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