MP, fir registered against director of hospital in jabalpur: digi desk/BHN/जबलपुर/न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड एवं आठ लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने अस्पताल के डायरेक्टर सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर अस्पताल के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विजय नगर पुलिस ने बताया कि अग्निकांड हादसे की जांच पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर शुरू कर दी गई है, जिसमें प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि अस्पताल के डायरेक्टर एवं मैनेजर द्वारा सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे, जिस कारण अस्पताल में आग लगने के बाद 8 लोगों की मृत्यु हो गई है और 5 घायल हैं। अस्पताल द्वारा जो फायर ब्रिगेड के एनओसी ली गई थी, वह भी मार्च 2022 में समाप्त हो गई थी। अस्पताल में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्थाएं नहीं थीं और ऐसे हादसों की दशा में लोगों के निकलने के लिए कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था। अस्पताल सुंदरीकरण में बिल्डिंग के सामने प्लास्टिक और फाइबर की कांच जैसी दिखने वाली सीट लगाई गई थी, जिस कारण आग तेजी से फैली थी।
जबलपुर में निजी हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड में अस्पताल के संचालकों पर केस रजिस्टर्ड किया गया है और अस्पताल के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हादसे की जांच के लिए सरकार ने डिविजनल कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। pic.twitter.com/o29BXHBuKM
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 2, 2022
इनके खिलाफ दर्ज हुई FIR
सीएसपी गढा तुषार सिंह ने बताया कि थाना विजय नगर में अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर निशांत गुप्ता, डॉ सुरेश पटेल, डॉ संजय पटेल डॉ संतोष सोनी एवं मैनेजर राम सोनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या एवं गैर इरादतन हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। आरोपित मैनेजर राम सोनी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। शेष फरार आरोपितों की तलाश जारी है।
प्याज के छिलके जैसी उधड़ रही मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पताल की खामियां
विद्युत सुरक्षा संबंधी आडिट कराए बगैर अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। अस्पताल में बिजली सप्लाई व जनरेटर के लोड में काफी अंतर था। लोड में अंतर होने के कारण जनरेटर के वायर जलने से अग्निहादसा हुआ। नर्सिंग होम के संचालन के लिए फायर एनओसी आवश्यक है। संचालकों ने प्रोविजनल फायर एनओसी पर अस्पताल खोल दिया था। प्रोविजनल फायर एनओसी की वैधता मार्च 2022 में समाप्त हो गई थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह कमियां न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल में सामने आईं। इस मामले में गहन छानबीन की जा रही है। नियम विरुद्ध तरीके से अस्पताल संचालन के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
पत्राचार तक सीमित रहे जिम्मेदार विभाग
नियम कायदों को ताक पर रखकर अस्पताल संचालन की अनुमति जारी करने वाले विभाग कागजी कार्रवाई तक सीमित रहे। अस्पताल संचालन की अनुमति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा दी गई थी। नगर निगम ने प्रोविजनल फायर एनओसी जारी की थी, जिसके बाद मापदंड पूरे करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम अस्पताल संचालकों से पत्राचार तक सीमित रहा। भौतिक रूप से अस्पताल का निरीक्षण कर कमियों को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते आठ लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम ने जिस शर्त पर प्रोविजनल फायर एनओसी जारी की थी, अस्पताल में उन शर्तों का भी पालन नहीं हो रहा था, जिससे जाहिर होता है कि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने दफ्तर में बैठकर एनओसी जारी कर दी थी। भौतिक सत्यापन कागजों में करा दिया गया था।
आग बुझाने के लिए रेत की बाल्टियां तक नहीं
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि स्वीकृत फायर प्लान के अनुसार अस्पताल में अग्निशमन यंत्र स्थापित किया जाना था, परंतु घटना दिनांक तक पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र स्थापित नहीं किए जा सके थे। मौके पर रेत की बाल्टियां समेत आग बुझाने के अन्य सहायक यंत्र नहीं मिले। इतना ही नहीं आग लगने पर आकस्मिक परिस्थितियों में बाहर निकलने का कोई चिंहित रास्ता नहीं था। जिससे साफ जाहिर होता है कि संचालकों से साठगांठ कर अस्पताल संचालन की अनुमति व प्रोविजनल फायर एनओसी जारी की गई थी।
बेटी हादसे में मर गई मैं बच गया..!
न्यू लाइफ मैडीसिटी स्पेशलियटी अस्पताल अग्निकांड में बचे मरीजो को देखने सांसद राकेश सिंह और जनप्रतिनिधि मेट्रो अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा। एक मरीज ने बताया उसकी बेटी हादसे में मर गई, वह बच गया। सांसद राकेश सिंह ने शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें कठोर सजा दी जाए। किसी को बक्शा नहीं जाएगा। इससे पूर्व सांसद और विधायक घटनास्थल पर पहुंचे, जहां की स्थिति का अवलोकन किया।