Vakri guru, from july 29 dev guru jupiter will be retrograde in pisces there will be auspicious and inauspicious effects: digi desk/BHN/ग्वालियर/ ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को अपना एक राशि चक्र पूरा करने में लगभग 13 महीने का समय लगता है। शनि के बाद बृहस्पति दूसरे ऐसे ग्रह हैं। जिनकी गोचर अवधि सबसे लंबी होती है। जब सौरमंडल में बृहस्पति अपनी परिक्रमा करते हुए सामान्य रूप से आगे की ओर न जाकर पीछे की ओर चलना शुरू करते हैं या ऐसा प्रतीत हो कि वे पीछे की ओर चल रहे हैं। उस स्थित को ज्योतिष में ग्रह का वक्री होना कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार शुभ ग्रह गुरु ने 13 अप्रैल 2022 को अपनी स्वराशि मीन में गोचर किया था। अब यही गुरु एक बार फिर से परिवर्तन करते हुए 29 जुलाई 2022 शुक्रवार के दिन प्रातः 1:33 पर मीन राशि में वक्री हो जाएंगे, उसके बाद 24 नवंबर 2022 गुरुवार सुबह 4:36 पर पुनः मीन राशि में मार्गी होंगे।
वक्री बृहस्पति डालेंगे ग्रहों पर दृष्टि
29 जुलाई को मीन राशि में वक्री होकर गुरु अपनी पंचम दृष्टि कर्क में मौजूद सूर्य और बुध पर नजर डालेंगे, वक्री गुरु का बुध व सूर्य को दृष्टिगत करना गुरु की शुभता और उसके बल में वृद्धि करेगा। इसके साथ ही 7 अगस्त को शुक्रवार कर्क में गोचर करते हुए उन पर भी गुरु की दृष्टि पड़ेगी ऐसे में गुरु, शुक्र का दृष्टि संबंध शुक्र के प्रभाव को बढ़ाएगा इससे जातकों के स्वभाव में भोगी और आध्यात्मिक दोनों रूप में बदलाव देखने को मिलेंगे। वहीं खासतौर से मीन राशि के जातक अपनी भौतिक इच्छाओं में वृद्धि महसूस करते पाए जाएंगे। कई बड़े शेयर अचानक टूटेंगे, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव आएगा, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में धार्मिक मुद्दों को लेकर तनाव बढ़ सकता है ।दैनिक उपयोगी चीजों की कीमतों में तेजी आने से आमजन में छटपटाहट दिखेगी। वही दुनिया की अर्थव्यवस्था में गिरावट होने के संकेत।
शुभ अशुभ प्रभाव
शुभ प्रभाव : कर्क राशि, वृश्चिक राशि और मीन राशि के जातकों को उच्च शिक्षा से जुड़े शुभ फल मिलने का योग बनेगा।
अशुभ फल : मेष राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, तुला राशि के जातकों को गुरु की इस स्थिति के आने से विवाहित जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना होगा।
मिश्रित फल : इसके अतिरिक्त अन्य राशियों को गुरुदेव सामान्य मिश्रित फल प्रदान करेंगे।
करें उपाय
पीले रंग की वस्तुओं का गुरुवार के दिन दान करें। भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का प्रतिदिन पाठ कर दीपक तथा भोग लगावे ।