Large Hadron Collider: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ विशाल ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए इंसान हजारों सालों से प्रयास कर रहा है, लेकिन ब्रह्मांड में मौजूद डार्क मैटर, डार्क एनर्जी और असंख्य तारे, नक्षत्र और ग्रह रहस्य का विषय बने हुए हैं। वैज्ञानिकों लंबे समय से डार्क मैटर की जटिल प्रक्रिया को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं और अब शायद ऐसा लग रहा है कि दुनियाभर के वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने के करीब पहुंच चुके हैं। डार्क मैटर की खोज में लगी ‘महामशीन’ लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर मंगलवार 5 जुलाई से फिर से अपनी पूरी ताकत से काम करना शुरू कर देगी।
Large Hadron Collider: खुलेगा ब्रह्मांड में मौजूद डार्क मैटर का रहस्य, आज से फिर चलेगी ‘महामशीन’
ब्रह्मांड का तीन चौथाई हिस्सा डार्क मैटर से बना
वैज्ञानिकों के मुताबिक पूरे ब्रह्मांड का तीन चौथाई हिस्सा डार्क मैटर से बना है, लेकिन वैज्ञानिकों को अब भी इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। ऐसे में स्विट्जरलैंड स्थित सर्न ( CERN) के नाम से मशहूर यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन ऑफ न्यूक्लियर रिसर्च में मौजूद दुनिया के सबसे ताकतवर पार्टिकल एक्सेलरेटर (लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर) को डार्क मैटर की खोज के लिए बीते कुछ समय से अपग्रेड करने का काम चल रहा था। महामशीन को अपग्रेड करने के बाद यदि वैज्ञानिक डार्क मैटर के रहस्यों को समझने में कामयाब हो जाते हैं तो तो लार्ज हार्डन कोलाइडर (LHC) को बड़ी सफलता हासिल हो रही होगी।
लार्ज हार्डन कोलाइडर ने ही खोजा था ‘गॉड पार्टिकल’
गौरतलब है कि लार्ज हार्डन कोलाइडर जैसी विशाल मशीन ने ही करीब एक दशक पहले हिग्स बोसोन नाम के कण की खोज की थी, जिसे दुनियाभर में गॉड पार्टिकल के नाम से जाना जाता है। हिग्स बोसोन 21वीं शताब्दी की सबसे बड़ी खोजों में से एक थी। ब्रिटिश अणु भौतिकीविद डॉक्टर क्लारा नेलिस्ट उस टीम की हिस्सा हैं, जो डार्क मैटर को खोज निकालने के लिए बनाई गई है।
क्लारा ने बताया कि हिग्स बोसोन वास्तव में एक खास कण है क्योंकि शुरुआती कण जिस तरह से अपना द्रव्यमान ग्रहण करते हैं वो इससे जुड़ा है। जब ये कण हिग्स फील्ड में एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो द्रव्यमान प्राप्त कर लेते हैं। हिग्स बोसोन को ईश्वरीय कण कहा गया है क्योंकि द्रव्यमान हासिल करने की प्रोसेस को बिग बैंग से जोड़ा गया है।