- मारने के बाद गले में लपेट दिया बिजली का तार
- बहन ने किया रिश्ते को शर्मशार, प्रेमी के साथ मिलकर कर दी भाई की हत्या
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना पुलिस ने एक ऐसे सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश किया है जिसे पुलिस को गुमराह करने के लिए क़त्ल को आत्महत्या के स्वरूप में बदल दिया गया। मामला 27-28 मई की रात की है जहां राजकुमार साकेत पिता बाबूलाल साकेत उम्र 28 वर्ष निवासी दलदल महेन्द्र सिंह टोला थाना रामपुर बाघेलान का खून से लथपथ शव पाया गया था जिसे देख कर प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा था कि आत्महत्य करने के लिए मृतक ने बिजली का तार लपेट लिया जिसे करंट लगने से उसकी जान चली गई। थाना रामपुर बाघेलान में मर्ग कायम कर जांच में लिया गया था और जांच में सनसनीखेज पर्दाफाश हुआ जिसमें दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है इसमें आरोपी और मृतक की बहन भी शामिल रही जिन्होंने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला
राजकुमार साकेत का शव मिलने के बाद फोरेंसिक टीम, फिंगर प्रिन्ट एक्सपर्ट एवं डाग स्काट द्वारा निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान मृतक के गले में जीआई की तार बंधी हुई थी। गला चारों तरफ से कटा हुआ था। शव को उलटा कर निरीक्षण किया गया मृतक के सिर, पीठ, पैर में कई जगह इलेक्ट्रिक शाक लगने के कारण शरीर में छिद्र व आस पास के बाल जल गए थे। शव के पास मृतक का मोबाइल फोन व एक तथाकथित सुसाइड लेटर रखा था, सुसाइड लेटर की हैंड राइटिंग परिजनों द्वारा मृतक की न होना बताना एवं मृतक के फोन को चेक करने पर काल हिस्ट्री क्लियर होना एवं अन्य डाटा डिलीट होने पर पुलिस टीम को शक हुआ, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो बात सामने आई कि मृतक की हत्या 11000 केवी के तार में बांधकर की गई। इसके साथ ही मोबाइल फोन के डाटा को क्लियर करना एवं सुसाइड नोट के माध्यम से मृत्यु की घटना को आत्महत्या का रूप दिया गया है। इस मामले में खुद पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता गंभीरता से लेते हुए, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय ख्याति मिश्रा के निर्देशन में थाना प्रभारी रामपुर बाघेलान उप निरीक्षक संदीप चतुर्वेदी के नेतृत्व में टीमें बनाकर पूरे मामले कि जाँच पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी। इसमें साइबर टीम भी लगी थी जिससे पता चला कि उसी रात्रि 12.39 में रमेश नाम के व्यक्ति को 12000 रुपये फोन-पे के माध्यम से ट्रांसफर किया गया एवं टेक्स्ट मैसेज किया गया कि यह पैसा ईमानदारी से उसके घर वालों के दे देना।
जाँच पड़ताल के बीच करीब 1 दर्जन से ज्यादा लोगों की हैंड राइटिंग से सुसाइड नोट का मिलान किया जा रहा था साथ ही कुछ मुखबिरों को भी गांव में छोड़ा गया था। मुखबिर से पता चला कि यह राइटिंग रमेश की हो सकती है। जिसकी जांच की गई तो हैंड राइटिंग रमेश की हैंड राइटिंग मेलजोल खा रही थी। मुखबिरों ने सूचना दी कि राजकुमार की बहन रोशनी की उसके सबसे करीबी मित्र रमेश से दोस्ती हो गई थी जो राजकुमार को अच्छी नहीं लगती थी जिसके लिए राजकुमार ने अपनी बहन को डांटा था। जाँच पड़ताल के दौरान जैसे ही पुलिस को अहम सुराग मिले शक की सुई रमेश की ओर घूम गई। पुलिस टीम द्वारा रमेश को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई जिस पर रमेश ने हत्याकांड से जुड़े सारे राज उगल दिए। रमेश ने पुलिस को बताया कि मृतक कि बहन से उसके शारीरिक संबंध हो गए थे जिसकी जानकारी राजकुमार को लगने पर उसने अपनी बहन को डांटा था और मिलने-जुलने पर रोक लगा दी थी जिसे नाराज होकर रोशनी और उसने हत्या करने की खौफनाक वारदात कर डाली ।