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MP Urban Body Elections: नगरीय निकाय में OBC को फायदा, नपा अध्यक्ष की 3 सीटें बढ़ीं, सतना महापौर OBC व रीवा अनारक्षित घोषित

  • नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का किया आरक्षण

नगर निगम में महापौर आरक्षण की स्थिति

  • भोपाल- ओबीसी (महिला)
  • इंदौर-अनारक्षित
  • जबलपुर-अनारक्षित
  • ग्वालियर-सामान्य (महिला)
  • उज्जैन-अनुसूचित जाति
  • सागर-सामान्य (महिला)
  • मुरैना-अनुसूचित जाति (महिला)
  • छिंदवाड़ा-अनुसूचित जनजाति
  • सतना-ओबीसी
  • रतलाम-ओबीसी
  • खंडवा-ओबीसी(महिला)
  • बुरहानपुर-सामान्य (महिला)
  • देवास-सामान्य (महिला)
  • कटनी-सामान्य (महिला)
  • रीवा-अनारक्षित
  • सिंगरौली-अनारक्षित

 

MP Urban Body Elections: digi desk/BHN/भोपाल/नगरीय निकायों के आरक्षण में ओबीसी वर्ग को फायदा हुआ है। पिछले आरक्षण की तुलना में नगरपालिका अध्यक्ष की तीन सीटें ओबीसी को अधिक मिली हैं। प्रतिशत में देखा जाए तो लगभग नगरपालिका में 27 प्रतिशत और नगर परिषद में 26 प्रतिशत सीटें ओबीसी के खाते में गई हंै। मध्य प्रदेश की 99 नगर पालिकाओं में से 28 और 298 नगर परिषदों में से 73 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित की गई हैं।

वहीं, नगर पालिका में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 15 और जनजाति वर्ग के लिए छह सीटें आरक्षित की गई हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव की देखरेख में मंगलवार को रवींद्र भवन में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान छतरपुर और राजगढ़ नगर पालिका के आरक्षण को लेकर नेताओं ने आपत्ति भी दर्ज कराई।

प्रदेश के 317 नगरीय निकायों में चुनाव प्रस्तावित हैं। इसमें 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 298 नगर परिषद शामिल हैं। महापौर पद के लिए आरक्षण वर्ष 2020 में किया जा चुका है। नगर पालिका और परिषद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया लगभग पांच घंटे चली। सबसे पहले नगर पालिका के अध्यक्ष पद आरक्षण् किया गया।

इसमें अनुसूचित जाति के लिए 15 सीटें आरक्षित की गईं। इनमें आठ महिलाओं के लिए हैंं। प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका नागदा (उज्जैन) अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई है। वहीं, बीना और इटावा नगर पालिकाएं पिछली बार भी महिला के लिए आरक्षित थीं, जो इस बार भी महिला के खाते में गई हैं।

ऐसे ही अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए छह सीटें आरक्षित की गई हैं। इनमें तीन महिलाओं के लिए हैं। 50 सीटें अनारक्षित घोषित की गई हैं। इनमें से 25 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षण प्रक्रिया शुरू होते ही प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री जेपी धनोपिया ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात उठाई। इसे लेकर हो-हल्ला शुरू हो गया और करीब 15 मिनट प्रक्रिया रोकनी पड़ी।

35 नई नगर परिषदों में पहली बार चुनाव

प्रदेश में 298 नगर परिषदों में चुनाव होने हैं। इनमें से वे 35 नगर परिषद भी शामिल हैं, जिनमें पहली बार चुनाव होने हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए छह, अनुसूचित जनजाति के लिए छह, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पांच अध्यक्ष के पद आरक्षित किए गए हैं। 18 स्थान अनारक्षित रहेंगे।

सभी वर्गों में पचास प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 263 नगर परिषद हैं, जिनके लिए चक्रानुक्रम में आरक्षण किया गया है। इनमें से अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 131 परिषद आरक्षित हुई हैं। जबकि, 132 परिषदें अनारक्षित रही हैं।

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