Mangal Dosh Upay: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ अगर आपकी कुंडली के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में मंगल स्थित हो तो इसे मंगल दोष या कुजा दोष कहते है। इस दोष को मांगलिक दोष भी कहते है। ऐसा माना जाता है कि मांगलिक दोष के कारण वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आती है। मंगल किसी भी राशि में हो यदि उपरोक्त भावों में हो तो मांगलिक दोष ही होता है। मांगलिक दोष के उपाय जरुर करना चाहिए। यह माना जाता है कि 28 वर्ष के बाद मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है या फिर उसका प्रभाव कम हो जाता है। हालांकि यह भ्रामक मान्यता है। अनुभव के आधार पर यह सत्य साबित नहीं होती है। यदि मंगल ग्रह पर बृहस्पति की दृष्टि है तो यह इसके मांगलिक प्रभाव को कम कर सकता है लेकिन पूरी तरह से मांगलिक दोष को समाप्त नहीं कर सकता। हर ग्रह अपने आप में बहुत शक्तिशाली माना जाता है और उसका अपना अलग महत्व है।
मंगल दोष के प्रभाव
- जब लग्न में मंगल दोष का प्रभाव होता है तो जातक का स्वभाव अत्यधिक तेज और गुस्से वाला हो जाता है। साथ ही उसमें अहंकार का भाव भी आ जाता है।
- चतुर्थ भाव में मंगल की स्थिति होने के कारण यह जीवन में सुखों की कमी करता है। साथ ही पारिवारिक जीवन में कठिनाइयां भी लाता है।
- सप्तम भाव में मंगल दोष होने से वैवाहिक संबंधो में परेशानियां आती है।
- अष्टम भाव में मंगल स्थित होने के कारण वैवाहिक सुख में कमी आती है। ससुराल के सुख में कमी के साथ-साथ, ससुराल के साथ रिश्ते भी बिगड़ जाते है।
- द्वादश भाव में मंगल दोष होने के कारण शारिरीक क्षमता में कमी आती है, आयु क्षीण होती है। वैवाहिक जीवन में कठिनाईंयां आने के साथ-साथ कलह भी बढ़ती है।
मंगल दोष के उपाय
- मंगल दोष से मुक्ति के लिए सबसे बड़ा उपाय यह है कि जातक का अहंकार, क्रोध और आत्म नियंत्रण बना रहे।
- इसके अलावा पीले कागज पर लाल स्याही से लिखी हुई हनुमान चालिसा का पूरी श्रद्धा से प्रतिदिन पाठ करें।
- भगवान शिव शक्ति की साथ में पूजा करें।
- शिवलिंग पर लाल रंग के पुष्प चढ़ाएं।
- हर मंगलवार को मसूर की दाल और गुड़ का दान करें।
- मंगलवार के दिन मजदूरों को खाना खिलाएं।