Wednesday , May 15 2024
Breaking News

Satna: बम्बू चारकोल निर्यात पर प्रतिबंध हटा, किसानों को बांस उद्योग से होगा लाभ

सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राष्ट्रीय बांस मिशन द्वारा किसानों की आमदनी दोगुनी कराने के उद्देश्य से देश में बांस की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के किसानों के लिए 19 मई 2022 का दिन सौगात से परिपूर्ण साबित हुआ है। इस दिन देश में पहली बार बम्बू चारकोल के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया गया है।

बांस आधारित उद्योगों और दूरस्त ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को आर्थिक रूप से समृद्ध होने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय वरदान साबित होगा। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बांस के चारकोल की अधिक माँग है। निर्यात प्रतिबंध हटने से बांस उद्योग अधिक लाभ उठाने में सक्षम होगा। बांस के कचरे का अधिकतम उपयोग भी हो सकेगा।

बांस उद्योग की नई संभावनाएँ

बांस चारकोल का उपयोग बारबेग्यू, मिट्टी के पोषण और उच्च स्तर के चारकोल निर्माण में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। अमेरिका, जापान, कोरिया, बेल्जियम, जर्मनी, इटली, फ्रांस और यू.के. के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी अधिक माँग है।
वर्तमान में बांस उद्योग बांस के उपयोग और अत्यधिक उच्च लागत से जूझ रहा है। बांस का अधिक उपयोग अगरबत्ती निर्माण में होता है। करीब 16 प्रतिशत बांस का उपयोग अगरबत्ती की लकड़ी बनाने में होता है। अगरबत्ती उद्योग से देश के बड़े हिस्से में लोगों को रोजगार मिलता है। रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की मंशा से ’कच्ची अगरबत्ती’ पर आयात नीति में बदलाव और गोल बांस की छड़ियों पर आयात शुल्क बढ़ाने की माँग की जाती रही है। बांस की छड़ियाँ वियतनाम और चीन से आयात की जाती हैं। अधिक माँग को देखने के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने सितम्बर 2019 में कच्ची अगरबत्ती के आयात पर रोक लगा दी और जून 2020 में गोल बांस की छड़ियों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया।

प्रदेश के बांस उद्यमियों के लिए वरदान साबित होगा निर्णय

बांस के उत्पाद में मध्यप्रदेश समृद्ध की श्रेणी में है। यहाँ 18 हजार 394 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बांस उत्पादन होता है, जो देश में सर्वाधिक है। राज्य बांस मिशन, राष्ट्रीय बांस मिशन की योजनाओं का प्रदेश में क्रियान्वयन करता है। मिशन द्वारा अभी तक 15 हजार हेक्टेयर कृषि-भूमि में बांस पौध-रोपण कराया गया है।

सामाजिक न्याय विभाग की पेंशनों की स्वीकृति जनपद सीईओ द्वारा दी जायेगी

सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी निर्देशों के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्त पेंशन, समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन अंतर्गत कल्याणी पेंशन, दिव्यांग पेंशन, दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन एवं मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन स्वीकृति के अधिकार अब संबंधित जनपद सीईओ को दिये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत उपरोक्त सभी पेंशनों की स्वीकृति के अधिकार ग्राम पंचायतों से वापिस कर अब सभी संबंधित जनपद सीईओ को अधिकार दिये जा चुके हैं।

About rishi pandit

Check Also

Satna: कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मतगणना की तैयारियों का लिया जायजा

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *