छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ गेहूं की फसल काटने से मना करने पर पिता सहित उसके बेटों की मारपीट करके गोली मारकर पिता की हत्या करने वाले 12 आरोपितों को दोषी करार देकर न्यायाधीश विपिन सिंह भदौरिया ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 12 साल पहले फरियादी मनप्यारे निवासी छातीपहाड़ी ने अलीपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसने पहाड़ीबंधा में गेहूं की फसल बोई थी। जिसे उसी के गांव के रामपाल, मनमोहन यादव बगैरह काट रहे थे। 8 अप्रैल 2010 को मनप्यारे अपने बेटे जगमोहन, मनमोहन, मनोज, पत्नी पार्वती और मां रामकली के साथ फसल काटने से रोकने के लिए पहाड़ीबंधा पहुंचा। जहां महादेव 315 बोर की रायफल लिए और रामपाल, हरिश्चंद्र, छोटेलाल, नारायणदास, कैलाश, मुकेश, मंगल, भजोले, राजू लाठी लिए मिले। मनप्यारे ने फसल काटने से मना किया तो महादेव ने उसके बांए पैर में गोली मार दी। इसी तरह रामपाल वगैरह ने मनप्यारे पर लाठियों से हमला बोल दिया। मनप्यारे के बेटे बचाने लगे तो उनके साथ भी आरोपितों ने मारपीट करके मनप्यारे की कार भी तोड़ दी थी। मनप्यारे और जगमोहन की हालत गंभीर होने पर उन्हें झांसी रेफर किया गया, इलाज के दौरान मनप्यारे की मौत हो गई।
तत्कालीन थाना प्रभारी जयवंत सिंह काकोरिया ने विवेचना के बाद मामला कोर्ट में पेश किया। इस मामले की अंतिम सुनवाई में अभियोजन की ओर से एजीपी डीआर पाठक ने पैरवी करते हुए सभी सबूतों और गवाहों को कोर्ट के सामने पेश किया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विपिन सिंह भदौरिया की अदालत ने आरोपित महादेव यादव, भजोला उर्फ उत्तम सिंह यादव, हरिश्चंद्र यादव, रामपाल यादव, कैलाश यादव, मुकेश यादव, नारायणदास यादव, छोटेलाल यादव, राजू उर्फ राजेंद्र यादव, मंगल सिंह यादव, गजेंद्र सिंह यादव और अशोक यादव को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा और 78 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।