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नसबंदी के लिए महिलाओं को बेहोश कर छोड़ देने के मामले में कलेक्टर ने सीएमएचओ की ली क्लास

सीएमएचओ ने एलटीटी सर्जन को जारी किया नोटिस, 24 घंटे के भीतर जवाब देने के निर्देश

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ रामपुर बाघेलान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के लिए पहुंची महिलाओं को बेहोश कर छोड़ देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्वास्थ्य विभाग की इस घोर लापरवाही से नाराज कलेक्टर ने सीएमएचओ ए.के.अवधिया को लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट तलब की है। कलेक्टर के सख्त तेवरों से परेशान सीएमएचओ ने एलटीटी सर्जन एम.एम.पांडेय को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब देने के निर्देश दिये हैं। साथ ही एसडीएम रामपुर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर जांच करने का आदेश जारी किया है जो तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि रामपुर बाघेलान स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के लिए लाई गई 21 में से 11 महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया गया और ऑपरेशन नहीं किया गया। इन महिलाओं की स्थिति यह हो गई थी कि वे अस्पताल में यहां-वहां दीवार के सहारे व फर्स में पड़ी रहीं और नसबंदी का ऑपरेशन कराने इंतजार करती रहीं लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं किया गया। यहां बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब इन महिलाओं का ऑपरेशन करना ही नहीं था तो इन्हे बेहोशी का इंजेक्शन क्यों दिया गया। यही नहीं बाद में महिलाओं के स्वजनों से बोल दिया गया कि उन्हे अपने घर ले जाएं। इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है। वहीं कलेक्टर अजय कटेसरिया ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच व कार्रवाई करने निर्देशित किया है।

सतना से गए थे डॉक्टर

दरअसल ये घटना बुधवार 11 नवंबर की है। रामपुर बघेलान तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर लगाया गया था जहां 21 महिलाओं को परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी के लिए बुलाया गया था, लेकिन 21 में केवल 10 महिलाओं का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। यह ऑपरेशन करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय सतना से सर्जन डॉक्टर एमएम पाण्डेय को भेजा गया था, लेकिन 10 ऑपरेशन के बाद ही वे वापस मुख्यालय सतना चले गए। बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर महिलाओं को फर्श पर पर छोड़ दिया गया। मौके पर न कोई स्टाफ था और न ही कोई डॉक्टर।

कारण बताओ नोटिस जारी

मामला बढ़ने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एके अवधिया ने कलेक्टर के निर्देश पर एलटीटी सर्जन एमएम पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही एसडीएम रामपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है जो कि तीन दिन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी।

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