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Satna: स्मार्टफोन मिल जाने से हाईटेक हुये चंद्रभान और उमाशंकर

“खुशियों की दास्तां”

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सरकार की जनकल्याणकारी योजनायें सभी आयुवर्ग के लोंगो का जीवन स्तर सुधारने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर धवारी में आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर में पात्रता के अनुसार दिव्यांगजनो को सहायक उपकरणों का वितरण केन्द्रीय मंत्री सामाजिक न्याय डॉ वीरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। अमरपाटन निवासी दिव्यांग छात्र चन्द्रभान और मैहर के उमाशंकर को स्मार्टफोन प्रदान किया गया। स्मार्टफोन पाते ही दोनो छात्रो के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी। चन्द्रभान पटेल हिन्दी साहित्स से एम.ए की पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि उमाशंकर बीए द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत हैं। सरकार की योजना से मिला यह स्मार्टफोन दोनो छात्रो के जीवन निर्माण में सहभागी बनेगा। दिव्यांग छात्रो ने इस सौगात के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

चन्द्रभान और उमाशंकर ने बताया कि स्मार्टफोन न होने की वजह से पढ़ाई के दौरान कुछ महत्वपूर्ण की बिन्दुओ की जानकारी संकलित करने में कठिनाई आती थी। आर्थिक समस्या होने की वजह से बाजार से स्मार्टफोन भी नही खरीद पा रहे थे। लेकिन सरकार की जनकल्याणकारी योजना की बदौलत आज हमे स्मार्टफोन मिल गया है। अब हम अन्य छात्रो की तरह आवश्यक जानकारी प्राप्त करते हुये अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित ढंग से कर सकेंगे। आधुनिक तकनीक से बना यह फोन आवागमन के दौरान हमें संभावित खतरो से भी बचायेगा।

मोटराइज्ड ट्राईसिकिल पाकर खिल उठे दिव्यांगजनों के चेहरे

सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर धवारी में आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार के हांथो मोटराईज्ड ट्राइसिकिल पाकर उरदान निवासी सुनीता कुशवाहा, कृष्णा कॉलोनी सतना निवासी विजय कुमार अग्रवाल, करतहा गांव के पुष्पेन्द्र सिंह, तिहाई निवासी सुधा साकेत तथा घुनवारा गांव की पानबाई साहू के चेहरे खुशी खिल उठे। योजना से लाभान्वित दिव्यांगजनो ने प्रधानमंत्री  मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हृदय से धन्यवाद दिया है।
घुनवारा गांव की पानबाई साहू सहित शिविर में मोटराईज्ड ट्राइसिकिल पाने वाले दिव्यांगजनो ने बताया कि पांव से दिव्यांगता के कारण उन्हें अपनी दिनचर्या के कार्यों के साथ-साथ आवागमन करने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता था। मोटराईज्ड ट्राइसिकिल मिल जाने से अब न केवल हमारा जीवन सुगम होगा, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर होंगे।

 

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