Monday , July 1 2024
Breaking News

स्कूल में लगा है ताला, लेकिन यहां बच्चों को पढ़ा रहीं बोलती दीवारें

Innovation In Education: बिलासपुर/ कोरोनाकाल में स्कूलों के पट अब भी बंद हैं। ऐसे में गांव के बच्चों को बिना कक्षा में बैठे ज्ञान प्रदान करने के लिए कोरबा में कुछ युवकों ने एक अनोखी पहल की जा रही है। उच्च शिक्षित युवाओं का एक समूह स्कूलों के बाहर व बरामदे की दीवारों में पाठ्यक्रम से संबंधित चित्र बनाकर शिक्षा अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है। इस तरह शिक्षकों के न होने पर भी बच्चे इन आकर्षक चित्रों से सुसज्जित बोलती दीवारों के माध्यम से पढना-लिखना सीख रहे।

यह पहल उच्च शिक्षित युवाओं की संस्था टीम अंजोर की ओर से की गई है। सबसे पहले पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम गुरसियां के प्राथमिक शाला टुनिया कछार से इस अभियान की शुरूआत की है। अभियान के तहत बाला (बिल्डिंग एज लार्निंग एड) का कार्य किया गया है। टीम अंजोर एक युवाओं का समूह है, जिसका गठन कोरोनाकाल के प्रभाव से उत्पन्ना हुए विपरीत परिस्थिति में जन जागरण का उद्देश्य लेकर किया गया है। जब युवाओं ने देखा कि बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, तब सभी ने मिल कर विचार किया कि बच्चों में विद्यालय के प्रति रुचि जागृत करने किस तरह का प्रयास किया जाए।

आपस में चर्चा कर सामने आए सुझाव को धरातल पर लाने प्रयास शुरू किए गए और इस कांसेप्ट पर कार्य किया जा रहा। इस अभियान में दीवार पर बनाए गए आकर्षक चित्रों की सहायता से बच्चों में सीखने की आदत का रोपण, बौद्घिक क्षमता वर्धन, विद्यालय परिसर में शैक्षणिक वातावरण को विकसित करने का एक प्रयास किया जा रहा है। चित्रकारी का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना व अन्य रोचक जानकारी प्रदान करना है। टीम अंजोर ने सर्वप्रथम जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में ग्राम गुरसिया के प्राथमिक शाला टुनिया कछार में पढ़बों भिथिया ले अभियान के तहत विद्यालय में विभिन्ना प्रकार शिक्षा सम्बन्धी चित्र बनाए हैं।

आंकिक गणना, कौशल वृद्धि, समूह में सीख

टीम अंजोर के सदस्य विवेक श्रीवास ने बताया कि टीम के सभी सदस्यों ने तय किया कि क्यों ना विद्यालय के वातावरण को इतना आकर्षक बना दिया जाए, जिससे एक लंबे समय के बाद जब विद्यार्थी विद्यालय आएं, तो उन्हें वह एक नए स्वरूप में दिखाई दे और पढ़ाई में रोचकता व जानने-समझने के आकर्षक माध्यम को शामिल कर शिक्षा में उत्सुकता एवं उत्साह का समावेश भी किया जा सके। चित्रों के माध्यम से विद्यार्थियों में आंकिक गणना, कौशल वृद्धि, समूह में रह कर सीखना जैसे गुण उत्पन्न करना है।

एलएलबी- एमएससी की डिग्री, निस्वार्थ कार्य

टीम अंजोर के माध्यम से यह अभियान चला रहे युवाओं में एलएलबी, एमएससी व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की डिग्रीधारी शामिल हैं, जो स्वयं के व्यय से वनांचल क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा के लिए निस्वार्थ सेवा प्रदान कर रहे हैं। इनमें विवेक श्रीवास (एमएससी रसायनशास्त्र), विवेक धीरज (एमए अंग्रेजी), अश्वनी मरकाम (बीए), अरुण कुमार मिश्रा (एमएससी गणित), वरुण राही (एलएलबी), प्रतीक यादव (बीएससी), राहुल श्रीवास (बीकाम), राहुल यादव (बीए) व प्राथमिक शाला टुनियाकछार के शिक्षक यशवंत सिंह जुलाहा शामिल हैं।

 

About rishi pandit

Check Also

नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित विशाल नि:शुल्क नारायण लिम्ब एवं कैलिपर्स फिटमेंट शिविर में शामिल हुए मुख्यमंत्री साय

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज यहां जैन दादा बाडी एमजी रोड में नारायण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *