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Satna: नाना जी के दर्शन में है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौतियों का समाधान-उच्च शिक्षा मंत्री

  • भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि पर विविध कार्यक्रम

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नानाजी देशमुख की 12वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार को चित्रकूट के दीनदयाल उद्यमिता परिसर के विवेकानंद सभागार में नाना जी की दृष्टि में राष्ट्र निर्माण ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’’ के संदर्भ में विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो प्रदीप जोशी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और भारत में कृषि शिक्षा के सचिव डॉ त्रिलोचन महापात्रा के साथ प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित मध्यप्रदेश से बाहर के 12 राज्यों के कुलपतियों ने उद्घाटन सत्र में सहभागिता की। हाईब्रिड मोड में प्रारंभ इस संगोष्ठी में प्रख्यात चिंतक ए.बी.एम. राजू, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो एनसी गौतम, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन और संगठन सचिव अभय महाजन भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रद्धेय नानाजी का शैक्षिक चिंतन भी उनके अन्य सामाजिक आयामों के चिंतन की तरह ही अति विशिष्ट और नयापन लिए हुए था। देश ने जिस महत्वाकांक्षी दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत निर्माण के लिए आवश्यक शिक्षा का सपना देखा है, उसे नाना जी ने चित्रकूट में वर्ष 1991 में सोच रखा था। यह जानकार सुखद अनुभूति होती है जब नानाजी के शैक्षिक चिंतन पर आधारित नवाचार और अभिनव प्रयोग के रूप में चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ प्रारंभ हुए हैं। आज मध्यप्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को पूरी तत्परता और समर्पण के साथ प्रतिबद्धता पूर्वक लागू करने वाले राज्यों में सबसे आगे है। नाना जी के चिंतन के विचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाहित हैं। यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान प्रभावी ढंग से लागू होते हैं तो नाना का शैक्षिक चिंतन भी देश के कोने कोने में पहुंचेगा। अतः हमारे लिए महत्वपूर्ण अवसर है। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समग्र रूप में लागू किए जाने की जो चुनौतियां सम्मुख हैं, उन पर विचार विमर्श कर उन्हें और प्रभावी बनाने के लिए एक रोडमैप, एक ब्लूप्रिंट बनाया जाये। यही इस संगोष्ठी का प्रमुख लक्ष्य है। मुझे विश्वास है कि इस राष्ट्रीय विमर्श से निकले निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मील का पत्थर साबित होंगे।
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि आज जो शिक्षा के किसी भी आयाम पर देश सोच रहा है उसे नाना जी ने तीन दशकों पहले ही क्रियान्वित करना प्रारंभ कर दिया था, यह उनकी दूरदृष्टि थी। नाना जी का चिंतन सदैव समग्रता पर रहा है और इसलिए उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय होते हुए भी ग्रामोदय विश्वविद्यालय की परिकल्पना की थी, जिसमें ग्रामीण जीवन के बहुआयामी जीवन के समस्त पक्षों को प्रधानता मिल सके।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने नाना जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मैं विविध सेवाओं के लिए चयन हेतु देश की सर्वाच्च संस्था के प्रतिनिधि के रूप में मंच में हूं। इसलिए इस देश के युवाओं की नौकरी के प्रति आकर्षण का प्रत्यक्ष गवाह हूं। भारत जैसे देश में चाह कर भी सभी को नौकरी देना संभव नहीं है और इस बात की आवश्यकता महसूस करते हुए नाना जी ने वर्षा पूर्व शिक्षा में नौकरी के बजाय स्वाबलंबी पर जोर दिया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आत्मनिर्भर भारत का स्वर सबसे मुखर है। मुझे विश्वास है कि संगोष्ठी के निष्कर्ष पूरे देश को दिशा देने वाले होंगे।

विषय प्रवर्तन करते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो नरेश चंद्र गौतम में आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नाना जी के विचारों में बड़ी समानता है। गौर से देखें तो लगता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नाना जी के अभिलाषा और अपेक्षाओं का जीवंत दस्तावेज है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सम्मुख उपस्थित चुनौतियों का सर्व सम्मत समाधान खोजने की दिशा में यह एक दूरगामी और निर्णायक पहल है। स्वागत उद्बोधन में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा नाना जी के संकल्पों को साकार करना ही उनको दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में सभी विद्वानों के अभिमत से जो रूपरेखा तैयार होगी वह चित्रकूट घोषणा के नाम से संगोष्ठी के निष्कर्षों में अभिव्यक्त होगी।

आगंतुक अतिथियों और कुलपतियों का आभार मानते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित आयोजन में आप सब को पाकर हम सब गौरवान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय नानाजी के शैक्षिक चिंतन का जीवंत स्मारक है। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान लोकव्यापी होकर जन-जन तक पहुंचते हैं और भारत के विश्व गुरु बनने की आधारशिला रखते हैं, तो सबसे अधिक प्रसंन्नता महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और दीनदयाल शोध संस्थान को ही होगी।

उद्घाटन सत्र का आरंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। आयोजकों द्वारा मंचासीन अतिथियों का शॉल श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ ने किया। ज्ञातव्य हो दीनदयाल शोध संस्थान और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विवेकानंद सभागार चित्रकूट में आयोजित किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम 27 फरवरी को चित्रकूट आयेंगे

मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष  गिरीश गौतम 27 फरवरी को 01ः55 बजे महाकौशल एक्सप्रेस से चित्रकूट आयेंगे। श्री गौतम चित्रकूट में प्रातः 9 बजे भारत रत्न नानाजी देशमुख की पुण्य तिथि कार्यक्रम में शामिल होंगे और दोपहर 12ः30 रीवा के लिये प्रस्थान करेंगे।

प्रभारी मंत्री डॉ विजय शाह  आयेंगे

प्रदेश के वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह 27 और 28 फरवरी को सतना जिले के दो दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। प्रभारी मंत्री डॉ शाह निर्धारित कार्यक्रमानुसार 27 फरवरी को प्रातः 5ः25 बजे सतना आयेंगे। प्रभारी मंत्री डॉ शाह प्रातः 10 बजे चित्रकूट के लिये प्रस्थान करेंगे और दोपहर 12 बजे चित्रकूट पहुंचकर स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके उपरांत अपरान्ह 4 बजे चित्रकूट से सतना के लिये प्रस्थान करेंगे और सतना में रात्रि विश्राम करेंगे।
प्रभारी मंत्री डॉ शाह प्रवास के दूसरे दिन 28 फरवरी को प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक सतना जिले के 5 विकासखंडो के लिये बाणसागर मल्टीविलेज रुरल वॉटर सप्लाई स्कीम का अवलोकन और निरीक्षण करेंगे और सायं 4ः45 बजे मुंबई मेल से खंडवा के लिये प्रस्थान करेंगे।

किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल आज आयेंगे

प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल 27 फरवरी को सतना जिले के एक दिवसीय पर आयेंगे। निर्धारित कार्यक्रमानुसार श्री पटेल प्रातः 6ः40 बजे रेवांचल एक्सप्रेस से सतना आयेंगे और सर्किट हाउस से चित्रकूट के लिये प्रस्थान करेंगे। मंत्री श्री पटेल प्रातः 9 बजे चित्रकूट पहुंचेगे और स्थानीय कार्यक्रमो में सम्मिलित होंगे। इसके पश्चात सतना के लिये रवाना होंगे और रात्रि 8ः50 बजे रेल्वे स्टेशन सतना से रेवांचल एक्सप्रेस से भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगे।

संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर आज आयेंगी

प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर 27 फरवरी को प्रातः 5ः40 बजे रेवाचंल एक्सप्रेस से मैहर पहुंचेगी और मां शारदा देवी के दर्शन करेंगी। तत्पश्चात् चित्रकूट के लिये प्रस्थान करेंगी। निर्धारित कार्यक्रमानुसार मंत्री सुश्री ठाकुर दोपहर 12 बजे चित्रकूट पहुंचकर दीनदयाल शोध संस्थान के कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके उपरांत सायं 5ः30 बजे सतना के लिये प्रस्थान करेंगी और रात्रि 8ः50 बजे रेल्वे स्टेशन सतना से रेवांचल एक्सप्रेस से भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगी।

स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार का दौरा कार्यक्रम

प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इंदर सिंह परमार 27 फरवरी को चित्रकूट में प्रातः 9ः30 बजे महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय में ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’’ कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे और सायं 6ः30 बजे सतना के लिये प्रस्थान करेंगे। श्री परमार रात्रि 8 बजे सर्किट हाउस सतना पहुंचेगे और रात्रि 8ः50 बजे रेल्वे स्टेशन सतना से रेवांचल एक्सप्रेस से भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगे।

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