Corona Vaccine Update: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक एक और हथियार मिल गया है। DGCI ने बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन कोर्बेवैक्स (Corbevax) को 12-18 साल के बच्चों के लिए उपयोग को मंजूरी दे दी है। इससे 12-18 साल के बच्चों के टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है। आपको बता दें कि कॉर्बेवैक्स भारत में विकसित पहला स्वदेशी रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन(RBD) प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। कोर्बेवैक्स वैक्सीन को मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के अंदर इसकी दो डोज लेनी होगी। इस टीके का स्टोरेज दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है, यानी किसी घरेलू फ्रिज में भी इसे रखा जा सकता है।
बता दें कि सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला नहीं किया है। भारत 15 से 18 साल के लोगों को टीका लगाने के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का उपयोग कर रहा है। देश में 15-18 वर्ष के बच्चों को टीका देने का काम जोरों से चल रहा है। जल्द ही इसका शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
उधर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी DGCI से 12 से 17 साल के आयु समूह के लिए अपने वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। पीटीआई ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा है कि SII ने 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों में कोवोवैक्स वैक्सीन की आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति के लिए अपना आवेदन जमा किया है। कंपनी के आवेदन में कहा गया है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के लगभग 2,707 व्यक्तियों पर दो अध्ययनों के डेटा से पता चलता है कि कोवोवैक्स अत्यधिक प्रभावकारी, प्रतिरक्षात्मक, सुरक्षित है। वैसे, DGCI ने पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दी थी। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल किया गया है।
कुल मिलाकर, देश में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों का विकल्प तैयार हो रहा है। कोर्बेवैक्स की मंजूरी के बाद जल्द ही 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों को भी टीका लगाने का काम शुरु हो जाएगा। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकों की उपलब्धता और बढ़ जाएगी। वैसे भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात की चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस कहीं जानेवाला नहीं है, बल्कि अलग-अलग रुप में लगातार सामने आता रहेगा। ऐसे में बच्चों का टीकाकरण इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।