PLI will reduce imports from china by 20 percent report states likely to increase the country gdp by eight billion dollar: digi desk/नई दिल्ली/ वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने चीन से 65 अरब डालर यानी करीब 4.81 लाख करोड़ रुपये मूल्य का आयात किया। इसमें से 39.5 अरब डालर का आयात टेक्सटाइल, कृषि, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, फार्मा व केमिकल्स के क्षेत्र में किया गया जो कुल आयात का लगभग 60 फीसदी होता है। सरकार ने इन सभी सेक्टर के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) की घोषणा की है, ताकि इन सेक्टर में घरेलू स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया जा सके और इन सेक्टर में भारत निर्यातक भी बन सके।
आठ अरब डालर की बढ़ोतरी संभव
एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक पीएलआइ स्कीम की मदद से भारत चीन से होने वाले आयात में 20 फीसदी तक की कमी कर सकता है। इससे भारत अपनी जीडीपी में आठ अरब डालर जोड़ सकता है। एसबीआइ का मानना है कि बाद में चीन से होने वाले आयात में 50 फीसदी तक की कमी लाई जा सकती है जिससे भारत के जीडीपी में 20 अरब डालर की बढ़ोतरी संभव है। पिछले डेढ़ साल में सरकार ने 14 विभिन्न सेक्टर में पीएलआइ स्कीम की घोषणा की है।
घरेलू क्षमता का करना होगा विस्तार
इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2021-22 में पर्सनल कंप्यूटर, टेलीफोन उपकरण, इलेक्ट्रानिक्स सर्किट, सोलर सेल, यूरिया, लिथियम आयन जैसे आइटम का चीन से भारी मात्रा में आयात किया गया। इन वस्तुओं के चीन से आयात में कमी के लिए भारत को घरेलू स्तर पर इन वस्तुओं की मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता स्थापित करने तक दूसरे देश से आयात करना होगा। वहीं, केमिकल्स, फुटवियर व टेक्सटाइल जैसे सेक्टर में चीन से आयात घटाने के लिए घरेलू क्षमता का विस्तार करना होगा। इकोरैप की रिपोर्ट के अनुसार भारत को वैश्विक वैल्यू चेन का हिस्सा बनने के लिए वस्तुओं के निर्यात को बढ़ाना होगा और इसके लिए सही इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है।