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Satna: रोगी कल्याण समिति के कार्यरत कर्मियों को मिलेगी दो सेट वर्दी,  बैठक संपन्न

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिला चिकित्सालय सतना में रोगी कल्याण समिति के अंतर्गत मानदेय पर रखे गये कर्मियों को दो सेट वर्दी प्रदाय की जायेगी। इस आशय के निर्णय कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को संपन्न रोगी कल्याण समिति की कार्यकारिणी सभा की बैठक में लिये गये। इस मौके पर विधायक नागौद नागेन्द्र सिंह, योगेश ताम्रकार, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, सिविल सर्जन डॉ रेखा त्रिपाठी, डॉ सुनील कारखुर और पीआईयू के कार्यपालन यंत्री बीएल चौरसिया उपस्थित थे।

रोगी कल्याण समिति की बैठक में कार्यरत मानदेय कर्मियों की मानदेय वृद्धि के संबंध में चर्चा के दौरान बताया गया कि जिला चिकित्सालय में 56 कार्यकर्ता 295 रुपये प्रतिदिन के मान से कार्यरत हैं। इनके मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। कलेक्टर ने आरकेएस के प्रत्येक कर्मी का जीपीएफ अकांउट खुलवाकर अगले माह से उनके अंशदान की राशि शासन के नियमानुसार जमा कराने के निर्देश सिविल सर्जन को दिये। उन्होने कहा कि मानदेय वृद्धि के लिये विश्लेषण उपंरात नियमानुसार प्रस्ताव अगली बैठक में रखा जाये। आउटसोर्स के माध्यम से ठेके पर संचालित हास्पिटल ओपीडी पंजीयन कार्य के अनुबंध अवधि में वृद्धि के प्रस्ताव पर कलेक्टर ने कहा कि नियमानुसार आउटसोर्स का अनुबंध समाप्त होने के पश्चात मार्च 2022 तक की वृद्धि का कार्येत्तर स्वीकृति लेने के पश्चात निविदा की प्रक्रिया पूरी कर एजेन्सी की कार्य वृद्धि करें। रोगी कल्याण समिति द्वारा निर्मित 15 नग दुकानों के संबंध में चर्चा के दौरान कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि अनुबंध की शर्त के अनुसार चतुर्थ आवंटन वर्ष 2012-13 से लंबित है। जबकि 3 दुकानें 2016 से 2020 तक की अवधि में रिक्त बताई जा रही हैं। कलेक्टर ने कहा कि दुकानों के संबंध में किराया निर्धारण, पुर्नआवंटन एवं निविदा की शर्तों को पूरे विश्लेषण के साथ अध्ययन करें और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रस्ताव समिति के समक्ष प्रस्तुत करें।

रोगी कल्याण समिति की 63.45 लाख रुपये की दो एफडी की परिपक्वता अवधि समाप्त होने के पश्चात पुनः एफडी कराने के लिये अन्य बैंको से भी ब्याज दरें प्राप्त कर तत्संबंधी कार्यवाही करें। बैठक में बताया गया कि रोगी कल्याण समिति सतना के पास मार्च की स्थिति में शेष राशि 1 करोड़ 7 लाख 68 हजार 102 और अप्रैल से दिसंबर 2021 तक आय 98 लाख 11 हजार 820 रुपये मिलाकर 2 करोड़ 5 लाख 79 हजार 922 रुपये थी। जिसमें 1 करोड़ 8 लाख 66 हजार 688 रुपये की राशि व्यय की गई। 31 दिसंबर 2021 की स्थिति में 97 लाख 13 हजार 234 रुपये समिति के पास शेष हैं। व्यय राशि में 62 लाख 37 हजार 32 रुपये का व्यय रोगी कल्याण समिति के कार्यकताओं के मानदेय वितरण में किया गया है। कलेक्टर श्री वर्मा ने रोगी कल्याण समिति की परिसंपत्तियों के उपयोग एवं आय-व्यय में शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

187 प्रकरणों में अत्याचार पीड़ितों को 1 करोड़ 99 लाख 37 हजार रूपये की सहायता

अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 187 प्रकरणों में अब तक 1 करोड़ 99 लाख 37 हजार 500 रूपये की सहायता वितरित की गई है। इस आशय की जानकारी जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में जिला सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की सोमवार को कलेक्ट्रेट में संपन्न बैठक में दी गई। इस मौके पर विधायक रैगांव कल्पना वर्मा, अपर कलेक्टर राजेश शाही, डीएसपी ख्याति मिश्रा, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण अविनाश पाण्डेय, टीआई अजाक रीता त्रिपाठी, डॉ एसके वर्मा, उप संचालक एसएल कोष्ठा एवं अशासकीय सदस्य रामकलेश साकेत, बृजेश चौधरी, प्रवीण सिंह पटेल, पुष्पेन्द्र बागरी, सोमदत्त साकेत एवं सोमदत्त चौधरी भी उपस्थित थे।

जिला सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक में जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण अविनाश पाण्डेय ने बताया कि अपै्रल 2021 से दिसंबर 2021 तक जिले में अत्याचार पीड़ितों के 187 प्रकरणों में अब तक 1 करोड़ 99 लाख 37 हजार 500 रूपये की आर्थिक सहायता हितग्राहियों के खाते में भुगतान की गई है। जिसमें अनुसूचित जाति के 142 मामलो में 1 करोड़ 44 लाख 37 हजार 500 रूपये और अनुसूचित जनजाति के 45 मामलों में 55 लाख रूपये की राशि योजना के प्रावधान के तहत वितरित की गई है। इसी प्रकार अत्याचार से पीड़ितो एवं उनके साक्षियों को न्यायालय में बुलाये जाने पर 41 हितग्राहियों को 1750 रूपये यात्रा भत्ता, 38 हितग्राहियों को 7868 रूपये मजदूरी और 40 हितग्राहियों को 3990 रूपये भरण-पोषण भत्ता मिलाकर 13 हजार 608 रूपये की राशि भुगतान की गई है। बैठक में बताया गया कि जिले में अत्याचार की आशंका वाला कोई क्षेत्र नही है। अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत दर्ज अपराधों की पुलिस अनुसंधान और अन्वेषण में कोई भी प्रकरण अनुसंधान के लिये लंबित नही है। जनवरी 2021 से 180 प्रकरण दर्ज हुये थे, जिसमें 3 में खात्मा, 163 में न्यायालय में चालान प्रस्तुत एवं महीने के अंत में 14 प्रकरण लंबित पाये गये।

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