Court orders to register corruption case against madhya pradesh bjp mp guman singh damor: digi desk/BHN/आलीराजपुर/फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के तहत करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में कोर्ट ने तत्कालीन मुख्य अभियंता पीएचई व वर्तमान रतलाम-झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर, तत्कालीन कलेक्टर गणेशशंकर मिश्रा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री व वर्तमान अधीक्षण यंत्री खरगोन डीएल सूर्यवंशी तथा तत्कालीन अभियंता सुधीर सक्सेना के खिलाफ भादवि की धारा 120बी, 166, 168, 197, 217, 269, 403, 420,के तहत प्रकरण पंजीबद्घ करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आरोपितों को सूचना पत्र जारी कर 17 जनवरी को पेश होने के निर्देश जारी किए हैं।
फ्लोरोसिस परियोजना में करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर कोर्ट द्वारा केस दर्ज करने के आदेश के बाद यहां राजनीति गरमा गई है। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने सोमवार को सिनेमा चौराहा पर सांसद का पुतला जलाया और इस्तीफा लेकर जल्द गिरफ्तारी की मांग उठाई। पार्टी नेताओं ने इस दौरान कहा कि फ्लोरोसिस से अंचल में कई जानें गई हैं। इसके जिम्मेदारों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
आरोप है कि शासन ने 2006-07 में फ्लोरोसिस नियंत्रण के लिए करोड़ों रुपये जारी किए थे। उक्त कार्य आज भी पूरा नहीं हुआ। पाइप के लिए 14 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया गया, मगर कोई पाइप नहीं लगा। अन्य मदों में भी करोड़ों का फर्जी भुगतान हुआ।
कोर्ट का आदेश आने के बाद कांग्रेस हमलावर है। पार्टी ने सिनेमा चौराहा पर सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। इसके बाद मीडिया से चर्चा में जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि भाजपा के सांसद पर 600 करोड़ रुपये से अधिक राशि के घोटाले का आरोप लगा है, जो कि गंभीर है। इसलिए पार्टी को उनसे तत्काल इस्तीफा लेना चाहिए। साथ ही सभी आरोपितों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। फ्लोराइड की समस्या क्षेत्र में जस की तस है। इस कारण सैकड़ों लोग गंभीर रूप से बीमार हुए हैं और कई की मौत हो चुकी है। इन मौतों के जिम्मेदार इस बीमारी से निदान के लिए आई राशि में घोटाला करने वाले हैं। आरोपितों के खिलाफ धारा 302 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए। कोर्ट के आदेश के बाद भी अगर सरकार कोई कदम नहीं उठाती तो कांग्रेस द्वारा आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर, पिछड़ा वर्ग जिला अध्यक्ष राजेंद्र टवली, खुर्शीद अली दीवान सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
क्या है फ्लोरोसिस..
फ्लोराइड एक रासायनिक पदार्थ है, जो रंगहीन और स्वादहीन होता है। साफ दिखाई देने वाले कुंए या हैंडपंप के पानी में भी फ्लोराइड की मात्रा मानक से अधिक हो सकती है। आदिवासी अंचल में यह समस्या लंबे समय से है। फ्लोराइड युक्त पानी पीने से फ्लोरोसिस बीमारी हो जाती है।
यह होता है लक्षण
इस बीमारी में दांत बहुत ज्यादा पीले हो जाते हैं। हाथ-पैर मुड़ जाते हैं। घुटनो के आसपास सूजन आ जाती है। झुकना और बैठना कठिन हो जाता है। बीमार कम आयु में ही बूढ़ा नजर आने लगता है। यह रोग जानलेवा भी साबित हो सकता है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के सहयोग से की गई थी जांच
जिले में फ्लोरोसिस बीमारी को लेकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी के सहयोग से भी जांच का अभियान चलाया गया था। इसमें शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के समाज कार्य विभाग के दल ने सहयोग प्रदान किया था। विभाग के अतिथि विद्वान अमित गढ़ेवाल ने बताया कि 2018-19 में जांच का अभियान चलाया गया था। दल के एक्सपपर्ट के साथ कालेज की टीम ने विभिन्न गांवों में जाकर हैंडपंप सहित अन्य जलस्रोत की जांच की थी। जहां भी जल में फ्लोराइड पाया गया, उसकी जीपीएस मैपिंग करते हुए इन पर यलो मार्किंग की गई थी। जहां जल शुद्घ मिला, उन पर ब्लू मार्किंग दर्ज की गई थी। ग्रामीणों को फ्लोराइड युक्त जल का उपयोग न करने को लेकर जागरूक भी किया गया था। जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर यूनिवर्सिटी की टीम द्वारा सौंपी गई थी।