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Omicron Alert: ओमिक्रोन वेरिएंट का कैसे होता है टेस्ट, भारत में कितनी लैब, जानिए हर सवाल का जवाब

Omicron variant in India: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और इस कारण से कई राज्यों नाइट कर्फ्यू के साथ-साथ अन्य पाबंदियां भी बढ़ा दी गई है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने 3 जनवरी से बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाने को मंजूरी दे दी है और हेल्थ वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगाया जाएगा। ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर ओमिक्रोन वेरिएंट कैसे अलग है, इसका पता कैसे लगाया जाता है कि कोई मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित है या ओमिक्रोन वेरिएंट से? ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगाने के लिए क्या अलग से कोई लैब स्थापित की जाती है? ऐसी कई तरह की जिज्ञासा लोगों के दिमाग में है, तो आइए यहां जानते ओमिक्रोन वेरिएंट से जुड़े हर सवाल का जवाब –

इसलिए दुनिया के लिए खतरा है ओमिक्रोन वेरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रोन पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है। ओमिक्रोन वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है क्योंकि यह ज्यादा तेजी से फैलता है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि ओमिक्रोन से संक्रमित एक मरीज 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है, जबकि डेल्टा या अन्य वेरिएंट इतने अधिक संक्रामक नहीं है। हालांकि अभी तक के शोध में यह पता चला है कि ओमिक्रोन वेरिएंट भले ही ज्यादा संक्रामक है लेकिन डेल्टा वेरिएंट की तरह ज्यादा घातक नहीं है।

क्या RT-PCR टेस्ट से ओमिक्रोन वेरिएंट का पता चलता है?
इसको लेकर भी वैज्ञानिक अभी तक एक मत नहीं है। अधिकांश RT-PCR टेस्ट ओमिक्रोन और अन्य वेरिएंट के बीच अंतर करने में सक्षम नहीं हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि RT-PCR टेस्ट से सिर्फ यह पता चलता है कि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं। लेकिन कोरोना के किस वेरिएंट से मरीज संक्रमित हुआ है, इसका पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग करना होता है।
क्या सभी मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग होता है?
जीनोम सिक्वेंसिंग कोरोना वायरस के वेरिएंट का पता लगाने के लिए की जाती है। जब अस्पतालों में अचानक केस बढ़ने लगते हैं तो कुछ मरीजों के सैंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है। सभी संक्रमित नमूनों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नहीं भेजा जा सकता है। जीनोम सिक्वेंसिंग बेहद धीमी, जटिल और महंगी प्रक्रिया होती है।
क्या भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट को पता लगाने के लिए अलग लैब है?
भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच ज्यादातर RT-PCR टेस्ट के जरिए की जा रही है। कोरोना वायरस के वेरिएंट का पता लगाने के लिए अलग से लैब की जरूरत नहीं है। पहले से देश में जो लैब मौजूद है, वे जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगाने में सक्षम है।

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