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MP Assembly: खाद और बिजली बिल के मुद्दे पर विपक्ष का MP विधानसभा से बहिर्गमन

Opposition walks out of madhya pradesh assembly on the issue of fertilizer and electricity bill: digi desk/BHN/भोपाल/विधानसभा में बुधवार को खाद और बिजली बिल में गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के विधायकों ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में खाद की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। किसानों को खाद की जगह पुलिस की लाठियां मिल रही हैं। वहीं, कोरोना काल के लाखों रुपये के बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। बिल जमा नहीं करने पर कलेक्शन काटे जा रहे हैं।

सत्ता पक्ष ने आरोपों को असत्य करार देते हुए कहा कि किसानों को तो खाद मिल रही है पर व्यापारियों के गोदाम भरना बंद हो गए हैं। सरकार ने कोरोना काल में बिल वसूली स्थगित की थी। अब समाधान योजना में उपभोक्ताओं को बिल जमा करने की सुविधा दी जा रही है। सरकार के उत्तर से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए दो बार बहिर्गमन किया।

ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधायक पीसी शर्मा भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों में झुग्गी-झोपडी व अन्य क्षेत्रों हजारों-लाखों रुपये के बिजली के बिल देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजली के बिल माफ करने की घोषणा की थी लेकिन वसूली की जा रही है।

कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। शशांक भार्गव ने बताया कि सिर्फ मीटर का आवेदन करने पर ही 70 हजार रुपये का बिल थमा दिया। इसका जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कभी बिल माफ करने की घोषणा नहीं की। बिल का भुगतान कोरोना काल में स्थगित किया गया था। अब भुगतान में उपभोक्ताओं को असुविधा न हो, इसके लिए समाधान योजना में मूल बकाया में 40 से लेकर 25 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है।

अधिभार पूरा माफ कर दिया है। इससे सरकार के ऊपर दो हजार 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आ रहा है। जहां तक बात अधिक राशि के बिल आने की है तो ऐसे प्रकरण बताएं, उनकी जांच कराके सुधार कराया जाए। असत्य बोलकर सदन को गुमराह न करें। दोनों पक्ष के बीच बिजली बिलों को लेकर जमकर बहस हुई । ऊर्जा मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे और फिर बहिर्गमन कर दिया।

खाद के लिए लाइनों में लगे हैं किसान, सरकार का दावा-पर्याप्त उपलब्ध है

इसी तरह डा.गोविंद सिंह, सतीश सिकरवार ने खाद की किल्लत का मुद्दा उठाया। दोनों ने कहा कि यदि खाद है तो वो किसे मिल रही है। किसान खाद की कमी के कारण बोवनी नहीं कर पाए हैं। समितियों में अमानक खाद पाई गई थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। बसपा विधायक रामबाई ने कहा कि किसी समिति को 70 प्रतिशत खाद नहीं दी गई।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पांच लाख 16 हजार टन खाद अभी भी प्रदेश में उपलब्ध है। पिछले साल से अधिक खाद किसानों को वितरित की जा चुकी है। खाद की कोई कमी नहीं है। हाहाकार इसलिए मच रहा है क्योंकि पाइंट आफ सेल्स मशीन से खाद दी जा रही है। इसमें किसानों को खाद मिल रही है और कालाबाजारी करने वाले परेशान है। कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन कर दिया।

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