उमरिया, भास्कर हिंदी न्यूज़/ देश के पहाड़ी इलाकों मे लगातार हो रही बर्फबारी से जिले का तापमान एकाएक गिरने लगा है। बीते दो दिन से ठंड का कहर जारी है। इस दौरान सात किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली बर्फीली हवाओं ने हालत और भी खराब कर दी है। शीतलहर ने रविवार को दिनभर लोगों को कंपकंपी का एहसास कराया, वहीं रात को हाड़ कंपा दिए। शनिवार की तुलना में रविवार को अधिकतम पारा तो 20 डिग्री के आसपास बना रहा परंतु न्यूनतम तापमान 1 डिग्री नीचे लुढ़क कर मात्र 2 रह गया था, लेकिन रात को पारा और लुड़क कर 1.2 पर पहुंच गया। बांधवगढ़ में पारा इससे भी नीचे गया पर वह रिकार्डेड नहीं है। रविवार को तो हांड़ गला देने वाली ठंड तथा छुट्टी का दिन होने के कारण नौकरीपेशा लोग जहां सुबह घरों से काफी देर बाद निकले लेकिन सोमवार को भी स्थिति इससे अलग नहीं थी। सोमवार की सुबह भी सड़के सन्नााटे में डूबी रहीं।
हीटर से कर रहे बचाव
ठंड से राहत पाने के लिए लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। सोमवार को आसमान साफ रहा लेकिन धूप में इतना दम नहीं था कि वह ठंडी हवाओं से राहत दिला सके। दुकानो और सरकारी दफ्तरों मे लोग हीटर अथवा अलाव के सहारे सर्दी से राहत पाने का प्रयास करते देखे गए।
अमरकंटक में जमीं ओस की बूंदें, बर्फीली हवाओं के आगोश में जिला
बर्फीली हवाओं ने जिले को ठंड के आगोश में ढ़केल दिया है। अमरकंटक सहित जिले के चारों तहसील क्षेत्र में दूसरे दिन भी ठंड का प्रकोप रहा। शीतल हवाओं से जनजीवन प्रभावित बना हुआ है। सोमवार को अमरकंटक का न्यूनतम तापमान 1 डिग्री पर जबकि अनूपपुर में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री रहा। अमरकंटक चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है ऊंचाई पर होने के कारण यहां अन्य इलाकों की तुलना में अत्यधिक ठंड रहती है। इन दिनों अमरकंटक का वातावरण में ठंडक घुली हुई है और यहां का मौसम भी पर्यटन के दृष्टिकोण से सैलानियों के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बना हुआ है जिससे लोग भी ठंड की परवाह किए बगैर यहां पहुंच रहे हैं।दूसरे दिन भी अमरकंटक व पठारी क्षेत्र पर बसे ग्रामीण अंचल में ओस की बूंदे घास पेड़ पौधों के पत्तों पर जमी नजर आई। शीत लहर सोमवार सुबह से चल रही है लोग ठंड से बचने के लिए धूप का सहारा ले रहे हैं। अमरकंटक के तापमान में शीत लहर ने ब्रेक लगाई हुई है यदि हवा थमी तो पारा हिमांक पर जा पहुंचेगा और ठहरा हुआ पानी जम जाएगा।