अंबिकापुर/ सरगुजा जिले की कामकाजी आदिवासी महिलाएं 20 करोड़ से भी अधिक की कर्ज में डूब गई हैं। माइक्रोफाइनेंस कंपनियों ने दलालों के माध्यम से महिलाओं के नाम पर ऋण स्वीकृत कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने कंपनियों को नोटिस जारी किया है।
सरगुजा जिले के गांव-गांव से धोखाधड़ी की शिकार विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अंबिकापुर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से लिखित शिकायत की है। इसमें ग्राम रेवापुरा गांव मंगली बाई व सुंदरी कंवर और ग्राम पिसकालो शांति बाई भी शामिल हैं। उन्हें दलालों ने कहा था कि स्वीकृत कर्ज में से पांच से छह हजार रुपये दे देंगे। शेष राशि को वे रखेंगे और कर्ज भी वही जमा करेंगे। गड़बड़ी का पता चलने पर प्रशासन ने 25 माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को नोटिस जारी कर दस्तावेज के साथ तलब किया है। महिलाओं को राहत देने के लिए प्रशासन ने माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के अलावा दलालों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी है।
नोटिस के बाद उजागर हुआ मामला
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा ऋण अदायगी का नोटिस जारी होने के बाद महिलाओं से धोखाधड़ी पता चला। फर्जीवाड़े में दरिमा निवासी राजेश गुप्ता की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। उसने स्टांप में कर्ज अदा कर देने का वादा किया था। राजेश के साथ चार अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है।
प्रारंभिक जांच से लगता है कि कर्ज देने से पहले प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। एक ही आधार कार्ड पर एक से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं। मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है।
संजीव झा
कलेक्टर, सरगुजा