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उमरिया SDM के डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर 4 करोड़ की धोखाधड़ी, आरोपियों पर की FIR

उमरिया
 एमपी के उमरिया से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एसडीएम उमरिया के डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर 7 लोगों के खातों में 4.09 करोड़ रुपये की राशि धोखाधड़ी से ट्रांसफर कर दी गई। सूत्रों ने बताया कि मामला उमरिया से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजे से संबंधित है।

जानिए क्या है पूरा मामला

उमरिया की कोतवाली पुलिस को एसडीएम ने 13 जून एक पत्र लिखा। एसडीएम उमरिया रीता दहेरिया ने इस पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी के द्वारा 7 लोगों को करीब 4.09 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मुद्दे पर संपर्क किए जाने पर दहेरिया ने कहा कि मैंने पहले ही शिकायत दर्ज करा दी है। पुलिस जांच कर रही है। वे तदनुसार कार्रवाई करेंगे। अधिकारी ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि एमपी रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने उनके डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर 7 लोगों को उनकी भूमि अधिग्रहण के बदले भुगतान किया है।

व्यापक स्तर पर हो रही जांच- पुलिस

कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रभारी बालेंद्र शर्मा ने कहा कि शिकायतों की जांच विस्तृत रूप से की जा रही है। हालांकि जांच में अभी भी तक धोखाधड़ी का कोई मामला सामने नहीं आया है। डिजिटल हस्ताक्षर के अधिकार अधिकारियों के पास उपलब्ध हैं। पूछे जाने पर शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि केवल वह ही डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग कर सकती है या उनका रीडर उनकी उपस्थिति में ऐसा कर सकता है। प्रशासन की टीम के अधिकारी मामले की सावधानीपूर्वक व्यापक जांच कर रहे हैं।

एसडीएम ने पुलिस को लिखा पत्र।

उमरिया जिले के बांधवगढ़ SDM रीता डेहरिया जो भू-अर्जन अधिकारी भी है उसकी आईडी का गलत इस्तेमाल किया जाकर सात लोगों को 4 करोड़ नौ लाख 55 हजार 311 रुपये का भुगतान कर दिया गया है मुआवजे की राशि में धोखाधड़ी करने के मामले में उमरिया जिले के बांधवगढ़ एसडीएम रीता डेहरिया ने MPRDC के सहायक महाप्रबंधक विनोद कुमार तंतुवाय पर डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए उमरिया थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने पत्र जारी किया है।
ऐसे हुई धोखाधड़ी

पुलिस को भेजी गई शिकायत पत्र में लिखा गया है कि MPRDC के सहायक महाप्रबंधक विनोद कुमार तंतुवाय अपने कंपनी के कंप्यूटर ऑपरेटर कीर्ति मिश्रा को लेकर एसडीएम कार्यालय बीते 4 अप्रैल को आए थे उनके पास ईमेल आइडी पासवर्ड पहले से था उन्होंने डिजिटल सिग्नेचर रजिस्टर्ड करने के लिए उनसे सिग्नेचर करवाए थे और कहा था कि सिग्नेचर रजिस्टर्ड होने के बाद उन्हें जानकारी देंगे लेकिन MPRDC के अधिकारी ने ऐसा नहीं किया और फिर सात लोगों को गलत तरीके से भुगतान कर दिया।

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