Aghan Maas 2021: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मार्गशीर्ष महीना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। अगहन माह में कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से पापों से मुक्ति मिलती है। वह पुण्य प्राप्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार 20 नवंबर से मार्गशीर्ष माह शुरू हो गया है। मान्यता है कि इस माह पूजा और दान का विशेष महत्व है।
अगहन मास में करें ये काम
अगहन मास में पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। इस माह नियमित पानी में तुलसी के पत्ते डालकर नहाना चाहिए। साथ ही गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें
मार्गशीर्ष महीन में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। मंत्र (त्वं पुरा सागरोत्पन्न विष्णुना विधृतः करें, निर्मितः सर्वदेवैश्च पाच्चजन्य नमोस्तु ते, तव नादेन जीमूता वित्रसंति सुरासुराः, शशांकायुतदीप्ताऊ पाच्चजन्य नमोस्तु।।) का जाप करें। प्रभु को वैजयंती के पुष्प और मोरपंख अर्पित करें। पीली मिठाई या माखन मिश्री का भोग लगाएं।
पुराणों के अनुसार अगहन मास में शंख की पूजा करनी चाहिए। शंख का जल सभी को पवित्र करने वाला कहा गया है। इस कारण आरती के बाद भक्तों पर शंख से जल छिड़का जाता है। शंख को लक्ष्मी का प्रतीक भी माना गया है। इसकी पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जो जातक नियमित रूप से शंख की पूजा करता है। उसके घर में धन की कमी नहीं रहती। विष्णु पुराण में शंख को मां लक्ष्मी का भाई बताया गया है।
क्या करें या नहीं
1. इस पूरे महीने आलस्य, क्रोध और किसी का अपमान न करें।
2. शराब और मांस से परहेज करें।
3. दही और जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
5. इस माह जरूरतमंदों को अन्न का दान करें।