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Kisan Mahapanchayat: आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं किसान, महापंचायत जारी

Lucknow Kisan Mahapanchayat: digi desk/BHN/लखनऊ/  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐलान कर चुके हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कर चुकी है और इसकी कार्रवाई संसद के शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी। इसके बावजूद किसान संगठन आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं है। रविवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार के सामने MSP समेत 6 अन्य मांगे रख दी गईं। साथ ही किसान आंदोलन के आगे के कार्यक्रमों भी कोई बदलाव नहीं किया गया। इसी क्रम में सोमवार को लखनऊ में किसान महापंचायत हो रही है। किसान इसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं।

राकेश टिकैत ने किया Mahapanchayat में पहुंचने का आह्वान

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा- MSP गारंटी चाहिए तो किसान महापंचायत के लिए चलो लखनऊ। राकेश टिकैत के मुताबिक, कृषि सुधारों की बात फर्जी है, सिर्फ एमएसपी की गारंटी ही किसानों की स्थिति सुधार सकती है। महापंचायत के बाद 26 नवंबर को सभी सीमाओं पर किसानों का जुटान होगा और 29 नवंबर को संसद कूच का ऐलान किया गया है।

पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में अपनी छह सूत्री मांगों को रखा, जिसमें विफल रहने पर उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों द्वारा रखी गई मुख्य शर्तों में से एक यह है कि सरकार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गारंटी दे।

सरकार के सामने रखीं ये 6 शर्तें

  1. एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाया जाए।
  2. सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2020/202 के मसौदे को वापस लें
  3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके संबद्ध क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के लिए आयोग में किसानों को दंड के प्रावधानों को हटाया जाए
  4. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में किसान आंदोलन के दौरान (जून 2020 से आज तक) हजारों किसानों के खिलाफ मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं।
  5. लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मास्टरमाइंड और धारा 120 बी के आरोपी के पिता अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए।
  6. इस आंदोलन के दौरान अब तक करीब 700 किसान शहादत दे चुके हैं। उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था शुरू की जाए। शहीद किसानों की याद में शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधु सीमा पर जमीन दी जाए।

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