Diabetes Myths & Facts:digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ भारत में 70 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, जिससे यह विश्व की मधुमेह राजधानी बन गया है। इस बात की पूरी संभावना है कि आपके परिवार में एक न एक व्यक्ति ज़रूर डायबिटीज़ से पीड़ित होगा। डायबिटीज़ देश में एक आम बीमारी बन गई है, लेकिन इसके बावजूद, ऐसे कई तथ्य हैं जिनसे हम अनजान हैं। आज हम बता रहे हैं डायबिटीज़ के बारे में ऐसे तथ्य जिनके बारे में आप जानकर हैरान रह जाएंगे।
मिथक: डायबिटीज़ ज़्यादा मीठा खाने से होती है
फैक्ट: मीठे खाद्य पदार्थ, एक गिलास सोडा और प्रोसेस्ड फूड्स सीधे तौर पर डायबिटीज का जोखिम नहीं बढ़ाते। इन सभी चीज़ों से आपके मोटापे का ख़तरा बढ़ जाता है, जिससे डायबिटीज़ हो सकती है। चीनी और डायबिटीज़ का संबंध सीधा नहीं है।
डायबिटीज़ का सबसे आम रूप, टाइप 2 डायबिटीज़ है, जो तब होती है, जब शरीर इंसुलिन की मात्रा के प्रति रीस्पॉन्सिव नहीं होता है। समय के साथ, शरीर सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है। अधिक वज़न और मोटा होना या पारिवारिक इतिहास होना मधुमेह के मुख्य कारण हैं।
मिथक: डायबिटीज़ से पीड़ित लोग मीठा नहीं खा सकते
फैक्ट: डायबिटीज़ का मतलब यह नहीं कि आप बिल्कुल मीठा नहीं खा सकते। अगर आप केक का टुकड़ा खाना चाह रहे हैं, तो आपको इसके लिए थोड़ी प्लानिंग करनी होगी। मधुमेह से पीड़ित लोग कभी भी चीनी नहीं खा सकते यह एक मिथक है। हर बार जब आप कुछ खाते हैं तो कार्बोहाइड्रेट का ध्यान रखना रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मिठाई और कुकीज़ में कार्ब्स होते हैं, इसलिए गिनती रखने से मधुमेह के रोगियों को अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। आप दूसरे कार्ब युक्त फूड की जगह केक के एक छोटे टुकड़े का सेवन कर सकते हैं।
मिथक: प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज़ हो जाने का मतलब है कि आपके बच्चे को भी डायबिटीज़ हो जाएगी
फैक्ट: लगभग 9 प्रतिशत महिलाएं गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाती हैं और गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित हो जाती हैं। इसका मतलब यह नहीं होता कि आपके होने वाले बच्चे को भी डायबिटीज़ हो जाएगी। इस स्थिति को मैनेज करने के लिए अपने डाक्टर से परामर्श लें।
मिथक: मधुमेह आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर सकता
फैक्ट: मधुमेह सी पीड़ित लोग भी भावनाओं से अभिभूत हो सकते हैं। वे भी गुस्सा, उदास या चिंतित महसूस कर सकते हैं। दिन में कई बार अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करना तनावपूर्ण हो सकता है।