Weather Alert: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ उत्तर भारत समेत केरल राज्य में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। उत्तराखंड व केरल में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी क्षति पहुंचाई है। इन दोनों राज्यों में अभी तक 76 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उत्तर भारत में कई दिनों तक भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड के नैनीताल क्षेत्र में ही मंगलवार तड़के सात अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 30 की मौत हो गई।
दक्षिणी भारतीय राज्य केरल में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से कम से कम 35 लोग मारे गए हैं। सेना और नौसेना के बचाव अभियान जारी हैं। राज्य में मानसून के मौसम में हर साल बाढ़ आती है लेकिन पिछले 10 वर्षों में आवृत्ति में वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि 2018 में केरल को विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था।
केरल में 135 अधिक बारिश
राज्य में 1 से 19 अक्टूबर के बीच 135 फीसदी अधिक बारिश हुई है। केरल राज्य बिजली बोर्ड ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि चेरुथोनी बांध के गेट आखिरी बार तीन साल पहले खोले गए थे। राज्य के ऊर्जा मंत्री के कृष्णनकुट्टी और जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टाइन की मौजूदगी में फाटकों को 35 सेंटीमीटर ऊंचा किया गया। ऑगस्टाइन ने कहा, “फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है।” बांधों से बहने वाला पानी सामान्य रूप से बह रहा है। फिलहाल बांध में पानी कम हो गया है। कृष्णनकुट्टी ने कहा कि वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर शटर खोले गए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह नेताओं द्वारा नहीं बल्कि विशेषज्ञों द्वारा तय किया जाता है।
बाढ़ पर राजनीति जारी
केरल में सत्तारूढ़ वाम सरकार पर बाढ़ प्रबंधन में विफलता का आरोप लगाते हुए विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर हमला किया है। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि ‘रूम फॉर रिवर’ परियोजना की घोषणा मुख्यमंत्री ने मई 2019 में नीदरलैंड की अपनी यात्रा के दौरान की थी, जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुदर्शन ने आरोप लगाया कि सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘पुनर्निर्माण केरल’ पूरी तरह से ठप हो गई है। वहीं मुख्यमंत्री विजयन ने लोगों को ऊंचे इलाकों में शरण लेने की सलाह दी है. –