Tuesday , September 17 2024
Breaking News

पांचवें चरण की चार सीट पर परिवार की राजनीतिक विरासत आगे ले जाने के लिये उतरेंगे प्रत्याशी

पांचवें चरण की चार सीट पर परिवार की राजनीतिक विरासत आगे ले जाने के लिये उतरेंगे प्रत्याशी

'चेंज इन 2024' वाले तेजस्वी के बयान पर चिराग पासवान का पलटवार

बिहार : पांचवें चरण में लालू, रामविलास की सियासी विरासत पर लगेगी 'मुहर'

पटना
 बिहार में लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के प्रत्याशी चार सीट सारण, हाजीपुर (सु), मुजफ्फरपुर और मधुबनी में अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी संग्राम में उतरेंगे।
बिहार लोकसभा चुनाव में पांचवे चरण का मतदान 20 मई को सारण, हाजीपुर (सु) मुजफ्फरपुर, मधुबनी और सीतामढ़ी में होने जा रहा है। इनमें से सारण, हाजीपुर (सु), मुजफ्फरपुर और मधुबनी संसदीय सीट पर राजग और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे।
हाजीपुर (सु) सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान के पुत्र जमुई के सांसद चिराग पासवान राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर चुनावी संग्राम में उतरे हैं। हाजीपुर (सु) रामविलास पासवान का गढ़ रहा है। इस सीट से ही राम विलास पासवान ने वर्ष 1977 में अपने संसदीय सफर की शानदार शुरूआत की थी। राम विलास पासवान हाजीपुर सीट से आठ बार सांसद बने। वहीं उनके भाई पशुपति कुमार पारस भी वर्ष 2019 में सासंद बने थे। इस बार के चुनाव में चिराग पासवान जमुई सीट की जगह हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वह हाजीपुर सीट से अपने परिवार की विरासत को आगे ले जाने के लिये तैयार हैं। हाजीपुर सीट पर उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजद प्रत्याशी शिवचंद्र राम से होगा।

सारण संसदीय सीट राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव का गढ़ रहा है। छपरा (सारण) सीट से श्री यादव ने वर्ष 1977 में अपनी सियासी पारी की शानदार शुरूआत की थी। इसके बाद श्री यादव ने छपरा सीट पर वर्ष 1989, 2004 और सारण से 2009 में जीत हासिल की।पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी की पुत्री डॉ.रोहिणी आचार्य सारण सीट से राजद के टिकट पर अपनी सियासी पारी की शुरूआत करने जा रही है। डा. रोहिणी आचार्य अपने परिवार की विरासत को आगे ले जाने के लिये तैयार हैं।राजद प्रत्याशी डॉ.रोहिणी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी और वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूड़ी से होगा।

मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से कैप्टन जय नारायण निषाद ने 1996,1998,1999 और 2009 में जीत हासिल की थी। इसके बाद श्री निषाद के पुत्र अजय निषाद ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में भाजपा के टिकट पर मुजफ्फरपुर से जीत हासिल की।इस बार के चुनाव में भाजपा ने अजय निषाद को बेटिकट कर दिया है, जिससे नाराज होकर श्री निषाद ने भाजपा का साथ छोड़ इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया है और चुनावी संग्राम में उतर आये हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने श्री निषाद की जगह राजभूषण निषाद को प्रत्याशी बनाया है। श्री राजभूषण वीआईपी छोड़ भाजपा में शामिल हुये हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में श्री निषाद और श्री राजभूषण के बीच चुनावी टक्कर हुयी थी। इस बार के चुनाव में भी दोनों प्रतिद्धंदी आमने-सामने हैं। अजय निषाद भी अपने पिता कैप्टन जय नारायण निषाद की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये तैयार हैं।

मधुबनी संसदीय सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण ने सर्वाधिक चार बार विजयी पताका लहरायी है। श्री यादव ने वर्ष 1977, 1999, 2009 और 2014 में मधुबनी से जीत हासिल की। इसके बाद श्री यादव के पुत्र अशोक कुमार यादव वर्ष 2019 में मधुबनी के सांसद बने। भाजपा प्रत्याशी अशोक यादव इस बार के चुनाव में भी मधुबनी से ताल ठोक रहे हैं। वहीं राजद ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी को चुनावी रणभूमि में उतारा है। श्री फातमी दरभंगा ससंदीय सीट पर चार बार सांसद रह चुके हैं। श्री अशोक यादव अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिये चुनावी मैदान में डटे हैं।

 

'चेंज इन 2024' वाले तेजस्वी के बयान पर चिराग पासवान का पलटवार

पटना
 लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने राजद नेता तेजस्वी यादव के ‘चेंज इन 2024’ के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘दे विल बी चेंज्ड’। उन्होंने कहा, “महागठबंधन इस चुनाव में जीरो पर आउट होगा। हर सीट पर इन लोगों को हार का मुंह देखना होगा।“

उन्होंने आगे कहा, “तेजस्वी के लिए अच्छा रहेगा कि वो प्रत्याशियों के लिए काम करें। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मुझ पर समय देने के बजाए वो अपने गठबंधन को मजबूत करने पर समय दें। इस बार इन लोगों की जमानत भी नहीं बचेगी। किशनगंज वाली सीट से भी महागठबंधन को हार का मुंह देखना होगा।“ इससे पहले चिराग ने तेजस्वी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाया था।

तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश कुमार बेशक एनडीए से मुख्यमंत्री हों, लेकिन हैं हमारे साथ, जिस पर चिराग ने पलटवार किया था। उन्होंने आगे कहा था, “तेजस्वी यादव जागरूक जनता को बहला-फुसला नहीं सकते। वो जमाना जा चुका है, जब लोगों को बहला-फुसला कर वोट ले लिया जाता था।“

 

बिहार : पांचवें चरण में लालू, रामविलास की सियासी विरासत पर लगेगी 'मुहर'

पटना
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में यूं तो बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, लेकिन लोगों की नजर सारण और हाजीपुर लेाकसभा क्षेत्रों पर होगी, जहां मतदाता बिहार की राजनीति के दो दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान की सियासत की विरासत पर फैसला करेंगे।

इस चुनाव में लालू प्रसाद के परिवार की परंपरागत सीट समझे जाने वाले सारण से लालू की विरासत संभालने के लिए विपक्षी दल के महागठबंधन ने उनकी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, एनडीए ने हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से लोजपा संस्थापक के पुत्र चिराग पासवान को अपना प्रत्याशी बनाया है।

हाजीपुर क्षेत्र रामविलास की कर्मभूमि रही है। यहां से वे रिकॉर्ड मतों से जीतकर गिनीज बुक में नाम भी दर्ज करवा चुके हैं। इस सीट पर सामाजिक आधार हो या वोट बैंक की राजनीति, देश के मुद्दे हों या राज्य के मुद्दे, मतदाताओं ने अधिकतर मौकों पर रामविलास पासवान को ही समर्थन दिया है।

सारण से लालू यादव चार बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। सबसे पहले वर्ष 1977 में वह यहां से जीते थे। उसके बाद 1989, 2004 और 2009 में भी लालू प्रसाद ने इस सीट से जीत हासिल की। हालांकि लालू को यहां से हार का भी सामना करना पड़ा है। पहले इस संसदीय सीट का नाम छपरा था।

माना जा रहा है कि इस बार लालू की विरासत संभालने के लिए चुनावी मैदान में उतरी रोहिणी आचार्य को यहां से जीताना न केवल लालू के लिए, बल्कि पूरी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। हालांकि रोहिणी की राह बहुत आसान नहीं है। उनका मुख्य मुकाबला निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी से है। वह भी इस क्षेत्र से जीत का चौका लगा चुके हैं।

हाजीपुर की राजनीति में चार दशकों तक वर्चस्व कायम रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस पिछला चुनाव यहां से जीते थे। इसके बाद वे राजनीति में अपने को भाई का उतराधिकारी मान रहे थे।

हालांकि, इस चुनाव में परिस्थितियां बदल गई हैं और चिराग अपनी पुरानी सीट जमुई को छोड़कर हाजीपुर से ताल ठोक रहे हैं। चिराग का मुख्य मुकाबला राजद के नेता शिवचंद्र राम से है। कहा जा रहा है कि इस सीट के चुनाव का परिणाम न केवल गठबंधन के विजयी सीटों में इजाफा करेगा बल्कि यह भी तय करेगा कि पासवान की विरासत कौन संभालेगा।

ऐसे में यह तय है कि राजद और लोजपा (रा) ने भले ही दोनों सीटों से प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन सही मायनों में सारण के परिणाम से जहां लालू की प्रतिष्ठा की परीक्षा होगी, वहीं हाजीपुर में चिराग की ताकत भी आंकी जाएगी। बहरहाल, इन दोनों सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। मतगणना 4 जून को होगी।

 

About rishi pandit

Check Also

राजस्थान-अलवर के सरकारी अस्पताल में बच्ची की मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

अलवर. जिले के गीतानंद राजकीय शिशु अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती एक बच्ची की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *