जैविक खेती दूसरी और तीसरी च्वाइस बनी व्यक्तित्व विकास
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/प्रदेश में सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में राष्ट्रीय नवीन शिक्षा नीति का क्रियान्वयन किया गया है। इसके तहत विद्यार्थी अपनी सुविधा और रूचि के अनुसार अध्ययन कर सकते हैं। एडमिशन प्रक्रिया के पहले और दूसरे राउंड के पश्चात विद्यार्थियों ने योग विषय को सबसे ज्यादा चुना है। दूसरा पसंदीदा विषय जैविक खेती और तीसरे नंबर पर व्यक्तित्व विकास को चुना गया। ये सभी विषय व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत संचालित हैं।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एडमिशन प्रक्रिया के दो राउंड के बाद योग विषय को 86 हजार 495 विद्यार्थियों ने, जैविक खेती को 80 हजार 104, व्यक्तित्व विकास 77 हजार 833, सूचना प्रौद्योगिकी 28 हजार 201, डिजिटल मार्केटिंग 22 हजार 511, पर्यटन विषय को लगभग 17 हजार 879 विद्यार्थियों ने व्यावसायिक पाठ्यक्रम के अन्तर्गत चुना है। इसके अतिरिक्त जीएसटी के साथ ई-अकाउंटिंग और कराधान विषय को 17 हजार 514 तथा चिकित्सा निदान (मेडिकल डायग्नोस्टिक) विषय को लगभग 14 हजार 627 विद्यार्थियों ने चुना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नवाचार के रूप में विद्यार्थियों को वैकल्पिक विषय चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। विद्यार्थी अगर चाहे तो अपने संकाय के अतिरिक्त किसी अन्य संकाय से भी विषय का चयन कर सकता है। विद्यार्थी प्रारंभिक तौर पर कला संकाय से 27, विज्ञान संकाय से 20, वाणिज्य संकाय से 5 एवं अन्य में एनसीसी, एनएसएस और शारिरिक शिक्षा जैसे विषयों का चयन कर सकते हैं।
गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये इंटर्नशिप अनिवार्य
नवीन शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है। विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिये प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप/एपरेन्टिसशिप/फील्ड प्रोजेक्ट और कम्युनिटी एंगेजमेंट एंड सर्विस को अनिवार्य किया गया है। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को उनके द्वारा किये गये कार्यों के अंक भी मिलेंगे।
समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये पंजीयन 14 अक्टूबर तक
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उर्पाजन के लिये जिले के कृषकों के पंजीयन कार्य कराये जाने के लिये पंजीयन केन्द्रों का निर्धारण किया गया है। कलेक्टर अजय कटेसरिया द्वारा कृषकों के पंजीयन कार्य के लिये उपायुक्त सहकारिता सतना द्वारा दी गई अनापत्ति प्रदाय अनुसार निर्धारित किये गये पंजीयन केन्द्रों में कृषक 14 अक्टूबर 2021 तक प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति कर पंजीयन करा सकते हैं। जिला स्तर पर होने वाला पंजीयन विगत
किसान अपना पंजीयन डाटा एंट्री के अलावा एमपी किसान एप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विगत खरीफ वर्ष में उपार्जन/पंजीयन करने वाले महिला स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र से भी करा सकेंगे। इसके अलावा सिकमीदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति/एफपीओ/महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केन्द्रों में ही करा सकेंगे।