Manish Gupta Murder case: digi desk/BHN/ मनीष गुप्ता मर्डर केस (Manish Gupta Murder) में यूपी पुलिस ने फरार इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन पर एक लाख का इनाम रखा गया था। इन दोनों को पुलिस ने गोरखपुर के एक होटल में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया। पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा मनीष गुप्ता की मौत में आरोप लगने के बाद से फरार चल रहे थे। कई दिनों की तलाशी के बाद आखिरकार दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गये। आपको बता दें कि कानपुर के रहने वाले मनीष अपने दोस्तों के साथ 27 सितंबर की रात गोरखपुर गए थे और एक होटल में ठहरे हुए थे। वहां पुलिस ने चेकिंग के नाम पर मनीष और उनके दोस्तों को बेरहमी से पीटा, जिसमें पिटाई की वजह से मनीष की मौत हो गई थी। इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
इन पुलिसकर्मियों पर पहले भी लगे थे आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पैसों की भूख ने दोनों पुलिसकर्मियों को कातिल बना दिया। थाने पर आने वाली ज्यादातर शिकायतों में जीएन सिंह पर वसूली का आरोप लगता रहा। जमीन कब्जाने या खाली कराने के मामले में जीएन सिंह पर सरेआम आरोप लगते रहे हैं। इनकी कई शिकायतें सीएम के यहां तक भी गई। वहां से कार्रवाई के लिए कहा भी जाता था, लेकिन जांच के नाम पर कार्रवाई दबा दी जाती थी। जीएन सिंह के कार्यकाल में जमीन विवाद के तीन मामलों की काफी चर्चा रही. रामजानकी नगर निवासी सतीश सिंह की पत्नी अर्चना सिंह ने 15 जून को गोरखपुर मंदिर स्थित सीएम कार्यालय में प्रार्थनापत्र दिया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि रामगढ़ताल इलाके में गई अपनी जमीन पर जब भी वो निर्माण कराने जाती थीं, तो कुछ लोग उनके मजदूरों को मारपीट करके भगा देते थे। उस दौरान रामगढ़ ताल थाने में यही पुलिसकर्मी तैनात थे। इस मामले में इन पर पैसे के लिए अपराधियों का साथ देने का आरोप लगा था।