Supreme court takes suo motu cognisance of lakhimpur/: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से मामले में कल तक स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह स्टेटस रिपोर्ट में बताएगी कि किन-किन अभियुक्तों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है और वे लोग गिरफ्तार किए गए हैं कि नहीं। इसके साथ ही कोर्ट ने हिंसा में अपना बेटा गंवाने वाली बीमार मां के तत्काल इलाज के लिए तुरंत इंतजाम करने का यूपी सरकार को आदेश दिया।
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए एसआइटी टीम और एक सिंगल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। ताकि स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की जा सके। इस दौरान सीजेआइ ने कहा कि दो अधिवक्ताओं ने मंगलवार को अदालत को एक पत्र लिखा था। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को पत्र को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन गलती से यह स्वत: संज्ञान मामले के रूप में दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की जान गई है। इस घटना ने देश भर में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है। विभिन्न दलों के कई बड़े नेता लखीमपुर खीरी का दौरा कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को कुछ किसान उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में जुलूस निकल रहे थे। तभी एक तेज रफ्तार वाहन से चार किसान कुचल गए। इस घटना के बाद उग्र हुए लोगों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और वाहन के चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हिंसा की इस घटना में एक पत्रकार की भी जान चली गई।