Supreme Court praised the efforts of central government: digi desk/BHN/ सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मौत पर मुआवजे के मामले में सुनवाई के दौरान कोरोना महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र सरकार की सराहना की है। गुरुवार को जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि कोरोना प्रबंधन के मामले में भारत ने जो किया है, वह कोई अन्य देश नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि हमें इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान लेना होगा कि भारत ने जो किया है, वह कोई अन्य देश नहीं कर सका। इतनी बड़ी आबादी के बावजूद, हमने एक देश के रूप में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। मुआवजे को लेकर केन्द्र सरकार के प्रस्तावों पर न्यायमूर्ति शाह ने कहा, “हम बहुत खुश हैं। यह फैसला उनके आंसुओं को पोंछने वाला है। इससे पीड़ित लोगों को कुछ सांत्वना जरुर मिलेगी।”
वहीं कोरोना महामारी से हुई मौतों के लिए अनुग्रह राशि की मांग वाली जनहित याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस पर 4 अक्टूबर को फैसला सुनाया जाएगा।
मुआवजे को लेकर क्या है केन्द्र सरकार का प्रस्ताव?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। कोर्ट ने इसपर खुशी जाहिर की। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘हम नुकसान की पूरी भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन पीड़ित लोगों के लिए कुछ तो कर सकते हैं।’आईये आपको बताते हैं इस प्रस्ताव की कुछ अहम बातें –
- कोरोना से मरने वालों लोगों के परिवार को ₹50000 अनुग्रह राशि दी जाएगी।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों के लिए अनुग्रह राशि पर दिशा-निर्देश जारी किया।
- NDMA ने राज्यों द्वारा राज्य आपदा राहत कोष से भुगतान करने के लिए ₹50 हजार निर्धारित किए हैं।
- COVID-19 के कारण खुदकुशी करने को भी केंद्र सरकार ने अब कोविड से हुई मौत मानने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है।
- कोविड संक्रमित होने के 30 दिनों के भीतर अगर कोई खुदकुशी कर लेता है तो इसे कोविड से हुई मौत माना जाएगा और उनके परिजनों को भी मुआवजा दिया जाएगा।
- यह सहायता राशि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में जान गंवा चुके लोगों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि महामारी की भविष्य में आ सकने वाली लहर में भी और अगली अधिसूचना तक जारी रहेगी।
- यह अनुग्रह राशि राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) से राज्यों द्वारा मुहैया की जाएगी और जरूरी दस्तावेज सौंपने के 30 दिनों के अंदर सभी दावों का निपटारा किया जाएगा।
- परिजनों को आधार कार्ड से जुड़े प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) प्रक्रिया के जरिए राशि हस्तांतरित की जाएगी।
- कोरोना से मौत होने पर परिजनों को मिलने वाली मुआवजा राशि के लिए कोविड-19 मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी है।