सिंहपुर थाने में दरोगा की सर्विस रिवाल्वर से संदेही की मौत का मामला
मृतक के परिजनों ने एसपी को सौंपा था ज्ञापन
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज। सिंहपुर थाने में बीते 27 सितंबर को दरोगा विक्रम पाठक की सर्विस रिवाल्वर से चली गोली से संदेही की मौत के मामले में न्यायालय ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। दोनों आरोपियों ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए जिला सत्र न्यायालय में वकील के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किया था।
जमानत याचिका पर सुनवाई 19 सितंबर को होनी थी परंतु पुलिस द्वारा केस डायरी प्रस्तुत न कर पाने के कारण कोर्ट ने सुनवाई दो दिन के लिए टाल दी थी। जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई जिसके बाद न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि मृतक के परिजनों ने बुधवार को एसपी को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किये जाने का ज्ञापन सौंपा था।
यह है मामला
गौरतलब है कि सिंहपुर थाना इलाके के नारायणपुर गांव में बढ़ईगीरी और राजगीर मिस्त्री का काम करने वाले राजपति कुशवाहा 45 वर्ष की 27 सितंबर की रात सिंहपुर थाना के अंदर गोली लगने से मौत हो गई। जिस बंदूक से राजपति को गोली लगी वह सिंहपुर थाना प्रभारी विक्रम पाठक की सर्विस रिवॉल्वर थी। गोली लगने के बाद राजपति को सिंहपुर थाना से बिरला अस्पताल ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी। इसके उसे रीवा मेडिकल कालेज ले जाया गया।
आरोपी के परिजन थाना पहुंचे तो पता चला कि राजपति की मौत हो चुकी है। यह सूचना नारायणपुर पहुंची तो मृतक की पत्नी बच्चों समेत सैकड़ा भर ग्रामीण सिंहपुर पहुंच गए । परिजन और ग्रामीण थाना के सामने सड़क पर बैठ गए और उन्होंने नागौद कालिंजर मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया। मृतक की पत्नी और अन्य परिजनो का आरोप है कि पुलिस ने लल्लू गर्ग नाम के व्यक्ति के इशारे पर राजपति को चोरी के संदेह में रविवार की दोपहर लगभग 2 बजे घर से उठाया था। थानेदार विक्रम सिंह, आरक्षक आशीष सिंह और नीरज त्रिपाठी उसे थाना ले आये थे। रात में जब राजपति का भांजा भोजन ले कर थाने पहुंचा तो उसे भगा दिया गया। कुछ ही देर बाद रात लगभग सवा 9 बजे उसने थाना के अंदर गोली चलने की आवाज सुनी। थोड़ी देर बाद पुलिस कर्मी किसी को गाड़ी में लाद कर ले गए।
मामले में पुलिस का तर्क
इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना था कि पूछताछ के दौरान राजपति ने थाना प्रभारी की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और स्वयं को गोली मार ली। वहीं आरोप हैं कि थाना प्रभारी ने रिवॉल्वर अड़ाकर संदेही से पूछताछ की और ट्रिगर दबने से गोली चल गई जो सीधे सिर पर लगी और संदेही की मौत हो गई। इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन एसपी रियाज इकबाल का तबादला कर दिया। मुद्दे को लेकर कई दिनों सियासी घमासान भी मचा रहा। मृतक के परिजन शव लेने के लिए ही राजी नहीं थे, बाद में प्रशासन द्वारा काफी मान-मनौव्वल के बाद परिवार वाले शव लेने को तैयार हुए और मृतक का 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार हो पाया।