रीवा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले में बुधवार को एक बार फिर बारिश ने रफतार पकड़ ली है। सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला रहा तथा काले बादलों के बीच झिमझिम बारिश शुरू हो गई तथा दिन भर बारिश का क्रम रह-रह कर जारी रहा। आकाश में छाए काले बादलों के चलते दिन में भी शाम जैसा नजारा बना रहा। ज्ञात हो कितीन दिनों से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी बारिश न होने के बाद चिंतित किसानों व आमजनों के चेहरे में बदले मौसम से प्रसन्ना्ता के भाव खिल उठें। मौसम का जिस तरह से मिजाज बना हुआ है उससे माना जा रहा है कि आगामी 24 घंटों तक जिले में बारिश का क्रम जारी रहेगा।
नदी तट के रहवासी टेंशन में
विंध्य क्षेत में जिस तरह से मौसम का मिजाज बना हुआ उसे देखते हुए नदी तट क्षेत्र के रहवासीयों की चिंता बढ़ने लगी है।विंध्य क्षेत्र में बहने वाली नदी क्षेत्र के रहवासियों की चिंता भी जायज है। कारण यह कि सितंबर माह ही विंध्य में बाढ़ के लिए जाना जाता है। वर्ष 1997 में एक सिंतम्बर को जिले में बाढ़ ने लोगो को बेघर कर दिए था। शहर से बहने वाली बीहर नदी का पानी रहवासी क्षेत्र में फैल गया था तो वही तराई अंचल में बहने वाली टमस नदी से लगे हुए सैकड़ा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इसी प्रकार वर्ष 2016 में पहली बार दो सितंबर को तथा दूसरी बार 07 सितंबर को बीहर नदी के पानी ने तबाही मचाई थी। ऐसे में बदले हुए मौसम से लोगो की चिंता भी जायज है।
विंध्य के डैम लबालब
ज्ञात हो कि विंध्य क्षेत्र में स्थित बाणसागर एवं बीहर बराज का डैम पानी से लबालब है। डैम में पानी ज्यादा भर जाने के कारण डैम प्रबधंन लगातार डैम को खाली करने के लिए पानी भी छोड़ रहा है। ज्यादा बारिश होती है तो इससे रीवा जिला भी प्रभावित हो सकता है।
गर्मी और उमस से राहत
बारिश हो जाने से पड़ रही गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिली है। चिलचिलाती धूप और हवा बंद होने के कारण इन दिनों लोगों को गर्मी और उसम से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बारिश का क्रम शुरू होने के बाद आम जनमानस गर्मी को लेकर राहत महसूस कर रहा है।
धान की फसल के लिए पानी लाभकारी
किसानों ने बताया कि इन दिनों खेतों में लगी हुई धान के पौधे के तेजी के साथ तैयार हो रहे हैं। ऐसे में बारिश की सबसे ज्यादा जरूरत है। धान के पौधे के लिए खेतों में जहां पानी का भराव होना चाहिए वहीं प्रकृति का पानी पौधे में गिरने पर धान के पौधे तेजी के साथ बढ़ते हैं और इससे फसल के उत्पादन प्रभाव पड़ेगा। हालांकि रिमझिम भरी यह बारिश दलहनी फसलों के लिए ठीक नहीं है।