Cases of MU and C.1.2 Varinants of corona have not found in india: digi desk/BHN/देश में इन दिनों कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। हालांकि रोज बड़े पैमाने पर कोरोना टीकाकरण अभियान चल रहा है और करोड़ों लोग अभी तक पहली एवं दूसरी डोज ले चुके हैं। यह सारी कवायद कोरोना की संभावित आगामी लहर से निपटने में मदद करेगी। इस बीच आज एक और अहम सूचना पता चली है। असल में कोरोना के दो बेहद घातक वैरिएंट अभी भारत में नहीं पाए गए हैं लेकिन डेल्टा वैरिएंट के मामले अभी भी खतरा बने हुए हैं। कोरोना वायरस के दो और नए वैरिएंट सामने आए हैं, लेकिन सुकून की बात यह है कि एमयू और सी.1.2 नामक इन दोनों वैरिएंट के मामले अभी तक भारत में नहीं पाए गए हैं। वैरिएंट का पता लगाने के लिए बनाए गए प्रयोगशालाओं के कंसोर्टियम इंसाकाग ने यह दावा करते हुए कहा कि देश में अभी भी डेल्टा और उससे समूह के अन्य वैरिएंट चिंता का कारण बने हुए हैं। कंसोर्टियम ने 10 सितंबर की अपनी बुलेटिन में कहा है कि अभी तक भारत में एमयू और सी.1.2 वैरिएंट के केस नहीं सामने आए हैं।
क्या हैं ये वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 30 अगस्त को बी.1.621 (बी.1.621.1 समेत) को वैरिएंट आफ इंटरेस्ट (वीओआइ) की सूची में डाला था और इसे “एमयू” नाम दिया था। डब्ल्यूएचओ ने सी.1.2 को भी वीओआइ की सूची में शामिल किया है। डेल्टा वैरिएंट का प्रसार ही चिंता का कारण है। यह वैरिएंट भारत समेत दुनिया के कई देशों में फैला है और भारत में महामारी की दूसरी लहर का कारण ही डेल्टा वैरिएंट को माना जाता है। इंसाकाग ने कहा कि सी.1.2 सार्स-सीओवी-2 के सी.1 वैरिएंट से निकला है, जो सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, लेकिन इसका प्रसार पूरी दुनिया में नहीं हुआ है।