रायपुर। जरूरतमंद लोगों का समर्थन करने के लिए प्रसिद्ध, प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी, मैनकाइंड फार्मा, भारत की पहली महिला कुली संध्या मरावी के समर्थन में आगे आई है। जारी पहल के एक हिस्से के रूप में, मैनकाइंड फार्मा ने संध्या मरावी को बनी-बनायी लकीर को तोडने और अपने परिवार का सहयोग करने के लिए एक लाख रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।
2016 में पति के असामयिक निधन के बाद, तीन बच्चों की युवा मां, संध्या, के सामने परिवार की परवरिश करने की चुनौती आ गई और संध्या ने 36 साल की उम्र में कुली का बैज लगा कर भारत की पहली महिला कुली बन गईं। अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का मजबूती से सामना करने को तैयार, संध्या ने आत्मनिर्भर बनने का रास्ता चुना और अपने परिवार की भलाई के लिए दिन-रात काम किया, ताकि उनके सिर पर छत हो। असली नायकों को पहचानने और आत्मानिर्भरता की भावना को सलाम करने की अपनी सोच के अनुरूप, मैनकाइंड फार्मा, ने संध्या के प्रयासों को स्वीकार किया और विनम्रतापूर्वक उन्हें एक लाख रुपये से सम्मानित किया।
मैनकाइंड फार्मा के सी.ई.ओ राजीव जुनेजा ने कहा कि “संध्या जैसी महिलाएं पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा हैं, वे आत्मनिर्भरता की सच्ची प्रतीक हैं। संध्या ने बिना किसी शिकायत के अपनी दिक्कतों के बावजूद, एक बहादुर मां की तरह अपने बच्चों की बेहतर जिन्दगी के लिए खुद को समर्पित कर दिया। संध्या जैसी शख्सियतें और नायिकाएं समाज को “आत्मनिर्भर भारत” की ओर लगातार बढ़ने में मदद कर रही हैं।
हमारा यह मानना है कि अगर हमारी विनम्र मदद किसी भी तरह से उनके काम आ पाती है, तो हमें संतोष होगा कि हमने समाज के लिए कुछ किया है। अपनी छोटी पहल के साथ हम दूसरों से भी आग्रह करते हैं कि वे आगे आएं और उन सभी महिलाओं की मदद करें और उनका समर्थन करें जो आत्मनिर्भर हैं और परिश्रमपूर्वक अपने परिवारों के खुशहाल जीवन के लिए लगन से काम कर रही हैं।