Guru Rashi Parivartan 2021: digi desk/BHN/ गुरु ग्रह 14 सिंतबर को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। वह 21 नवंबर तक मकर राशि में रहेंगे। मकर राशि में बृहस्पति के गोचर से शनि और राहु की दृष्टि रहेगी। शनि ग्रह दुख और राहु ग्रह असफलता का कारक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु ग्रह को बुजुर्ग, भाई, निवेश, सुख सुविधा और तरक्की का कारक माना गया है।
हालांकि जिनकी जन्म कुंडली में गुरु का पितृ दोष, गुरु शनि की युति, अस्त या नीच राशि पर है। उनके गुरु के मकर राशि में प्रवेश से कष्ट होगा। उनके कई कार्यों में बाधा आएंगी। शास्त्रों के अनुसार गुरु का गोचर जन्म कुंडली के 1,2,4,5,9 12वें भाव में शुभ फल देता है। जबकि अन्य भाव में बृहस्पति के गोचर से अशुभ होता है। गुरु अगर अपनी दशा में शुभ फल देता है तो जातकों को सुख की प्राप्ति, नौकरी और व्यवसाय में तरक्की मिलती है। अगर गुरु गोचर में अशुभ फल देता है तो कष्ट, सम्पति का नुकसान और कई कामों में रुकावट आती है।
अगर गुरु को प्रसन्न करना है तो हर गुरुवार के दिन केले और पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए। वहीं पीले वस्त्र और मिठाई का दान करना चाहिए।