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Satna: जिला स्तरीय टैलेन्ट सर्च अभियान संपन्न

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/मध्यप्रदेश शासन खेल एवं युवा कल्याण के आदेशानुसार सतना जिले मे टैलेन्ट सर्च (फिजिकल टेस्ट) अभियान 27 अगस्त से 4 सितम्बर 2021 पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के संरक्षण मे तक चलाया गया। जिसमें जिले के लगभग 1000 खिलाड़ियों ने भाग लिया। फिजिकल टेस्ट की प्रक्रिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं प्रभारी जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र कुमार जैन के दिशा-निर्देशन में सम्पन्न हुई।
जिला खेल प्रशिक्षक एस.पी. तिवारी ने बताया कि सभी खेलों के फिजिकल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। खिलाड़ियों का जिला स्तर के पश्चात संभाग स्तर पर स्किल टेस्ट होगा। तत्पश्चात राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिये चयनित होगे। टैलेन्ट सर्च मे स्कूल शिक्षा विभाग से श्रीमती मीना त्रिपाठी, जिला क्रीड़ा निरीक्षक एवं व्यायाम निदेशक अरुण तिवारी, आदिम जाति कल्याण विभाग से भूपेन्द्र सिंह, जिला बालीबाल संघ से संतोष सिंह, ब्लाक समन्यवक राजेश पाण्डेय, शिवेन्द्र सिंह, अजय पटेल, ज्योति तिवारी, कंचन तिवारी ने अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम का आयोजन 13 सितम्बर से 23 अक्टूबर तक

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि भारत शासन के निर्देशानुरूप प्रदेश में राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से 1 से 19 वर्ष के बच्चों किशोर/किशोरियों को एल्बेंडाजॉल गोली का सेवन कराया जाता है। विदित हो कि विगत वर्ष कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में ‘‘राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम‘‘ का आयोजन समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से किया गया। तदानुसार वर्ष 2021-22 में भी सघन कृमिमुक्ति के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश के साथ ही जिले में 13 सितम्बर से 23 अक्टूबर 2021 तक समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से किया जायेगा, जिसके अंतर्गत 1 से 19 वर्षीय समस्त हितग्राहियों को कृमिनाशन की दवा (एल्बेंडाजॉल) खिलाई जायेगी, ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित हो।
कोविड-19 के कारण प्रदेश में विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन संभव न होने की दशा में ‘‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम’’ का क्रियान्वयन समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से किया जायेगा, जिसमें स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर वं रणनीति बनाकर आषा कार्यकर्ता, ए.एन.एम., आशा, आशा सहयोगिनी द्वारा घर-घर जाकर 1 से 19 वर्षीय बच्चों को उम्र के अनुसार एल्बेंडाजॉल गोली का सेवन कराया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि बच्चों में कृमि संक्रमण व्यकित्गत अस्वच्छता तथा संक्रमित दूशित मिट्टी के सम्पर्क से संभावित होता है, कृमि संक्रमण से बच्चों को शरीर में प्रतिकुल प्रभाव पड़ते है, कृमि होने से बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में वृद्धि अवरूद्ध हो जाती है, कृमि कई कारणों से बच्चों के पेट में पहुंच सकते है नगे पैर खेलने, बिना हाथ धोये खाना खाने, खुले में शौच करने, साफ सफाई ना रखने से होते है। कृमि होने से खून की कमी (एनीमिया) कुपोषण, भूख न लगना थकान और बेचौनी, पेट में दर्द मिलती, उल्टी और दस्त आना, मल से खून आना, आदि हानिकारक प्रभाव हो सकते है। बच्चों को कृमि नाशक गोली खिलाने से कई तरह के लाभ होते है खून कमी में सुधार आना, बेहतर पोषण स्तर, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना, स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपस्थिति बढ़ना तथा सिखने की क्षमता में सुधार लाने में मदद करती है।

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