सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय परीक्षण और अशंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से मान्यता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है। जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश हैं कि सभी राज्य अपनी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए निर्धारित अन्तराल में प्रत्यायन (NABL) बोर्ड से प्रमाण-पत्र प्राप्त करें ताकि इस सेवा की उच्च गुणवत्ता के प्रति विश्वसनीयता बनी रहे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की प्रदेश में राज्य और जिला स्तरीय 51 प्रयोगशालाओं को प्रत्यायन बोर्ड (NABL) द्वारा मान्यता प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए हैं। देश की विभिन्न जल परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यता प्राप्त करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश अव्वल एवं 30 प्रयोगशालाओं के मान्यता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाला महाराष्ट्र राज्य दूसरे स्थान पर है।
आम नागरिक को प्रदाय किए जा रहे जल की गुणवत्ता का समय-समय पर परीक्षण किया जाता है। इसके लिए प्रदेश में पीएचई विभाग द्वारा एक राज्य स्तरीय और 55 जिला स्तरीय (इनमें उन्नयन की गई खुरई, मऊगंज, सरदारपुर तथा परासिया) प्रयोगशालाएँ संचालित हैं। इसके अतिरिक्त 100 उपखण्ड स्तरीय प्रयोगशालाएँ भी संचालित हैं।
पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा अपनी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के प्रमाणीकरण हेतु निर्धारित मापदण्डों और शुल्क के साथ आवेदन दिए जाते हैं। राष्ट्रीय परीक्षण और अशंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से अब तक 25 राज्यों की 182 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को जारी किए गये मान्यता प्रमाण-पत्रों में मध्यप्रदेश की सर्वाधिक 51 प्रयोगशालाएँ शामिल हैं।
जिले में अब तक 637 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
जिले में इस वर्ष 1 जून से 27 अगस्त 2021 तक 637 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 912.8 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 987.2 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 528.3 मि.मी., बिरसिंहपुर में 720.5 मि.मी., रामपुर बघेलान में 519 मि.मी., नागौद में 799 मि.मी., जसो (नागौद) में 415.2 मि.मी., उचेहरा में 561 मि.मी., मैहर में 365.4 मि.मी., अमरपाटन में 463 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 735.9 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 651 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।