सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डिप्टी कलेक्टर प्रशांत त्रिपाठी ने जिले के विभिन्न स्थानों से आए 30 आवेदकों की समस्याओं को सुनकर निराकरण करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।
जनसुनवाई में जमीन का सीमांकन कराने, गरीबी रेखा में नाम जोड़ने, गरीबी रेखा से नाम काटने, खाद्यान पात्रता पर्ची, दाखिल-खारिज कराने, प्रधानमंत्री आवास योजना, अवैध कब्जा हटाने, राशन कार्ड बनाने, विद्युत समस्या, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, जमीन का कब्जा दिलाने, चिकित्सा सहायता, रोजगार दिलाने संबंधी आवेदन लेकर आवेदक जनसुनवाई में पहुंचे। डिप्टी कलेक्टर ने आवेदकों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनकर समस्याओं के त्वरित निस्तारण करने के संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।
3151 गाँवों के हर घर में पहुँचा नल से जल
सतना 24 अगस्त 2021/प्रदेश के 3151 ग्रामों के हर घर में अब नल कनेक्शन के जरिये शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति हो रही है। जल जीवन मिशन में प्रदेश की समूची ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के माध्यम से जल उपलब्ध करवाने का कार्य प्रत्येक जिले में जारी है। अब तक स्थापित क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के अनुसार प्रदेश की ग्रामीण आबादी की जलप्रदाय योजनाएँ त्वरित गति से पूर्ण की जा रही हैं, ताकि ग्रामीणों को योजना से लाभान्वित किया जा सके।
जल जीवन मिशन में 40 लाख 19 हजार नल कनेक्शन मुहैया करवाकर पूरी ग्रामीण आबादी के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 33 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की जा चुकी है। घर-घर पेयजल की व्यवस्था के लिए चालू मिशन में निरन्तर विस्तार होता जा रहा है। प्रदेश की लगभग सवा पाँच करोड़ ग्रामीण आबादी के लिए एक करोड़ 22 लाख नल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन में यह कार्य वर्ष 2023 तक पूर्ण किए जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-पसंद के किसी भी स्कूल में दिव्यांगों को दाखिले और शिक्षा का प्रावधान
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में किये गए प्रावधान अनुसार 40 या उससे अधिक प्रतिशत के समस्त दिव्यांग जिनकी आयु 6 से 18 वर्ष तक हो, उन्हे निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। अधिनियम मे यह भी प्रावधान है कि ऐसे दिव्यांग छात्र-छात्रा अपने पड़ोस के या अपनी पसंद के किसी भी विद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर सकते है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा 89 के अनुसार अधिनियम की किसी भी धारा के उल्लंघन पर जिम्मेदार व्यक्ति और संस्था पर पांच लाख रूपये तक के जुर्माना किये जाने का प्रावधान है।