नई दिल्ली
देश की इकोनॉमी इस समय तेजी से आगे बढ़ रही है. भारत सरकार भी देश में इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की हरसंभव कोशिश कर रही है ताकि लोग रोजगार मांगने के बजाय नौकरियां पैदा करने वाले बनें. इन कोशिशों का नतीजा लगभग हर मोर्चे पर दिखाई दे रहा है. देश की आर्थिक तरक्की का हिस्सा बनने के लिए भारतीयों में भी जबरदस्त उत्साह है. यही वजह है कि देश में कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रोजाना देश में 500 से ज्यादा कंपनियां खुल रही हैं. वित्त वर्ष 2024 के अंत तक देश में कुल 26 लाख से ज्यादा कंपनियां खुल चुकी हैं.
देश में 26 लाख से ज्यादा कंपनियां
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 के अंत तक देश में 26,63,016 कंपनियां खुल चुकी थीं. इनमें से 16,91,495 कंपनियां (64 फीसदी) सक्रिय भी हैं. पिछले वित्त वर्ष में देश में 1.85 लाख से अधिक कंपनियां रजिस्टर्ड हुईं. यह आंकड़ा एक साल पहले की तुलना में काफी ज्यादा है. इस साल मार्च में ही लगभग 16,600 कंपनियां रजिस्टर हुई हैं. आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में 1,59,524 कंपनियां रजिस्टर हुई थीं. इनकी पेड अप कैपिटल 18,132.16 करोड़ रुपये थी.
9 लाख से ज्यादा कंपनियां हुईं बंद
कॉरपोरेट मिनिस्ट्री के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के अंत तक देश में कम से कम 9,31,644 कंपनियां बंद हो गईं. इसके अलावा 2,470 निष्क्रिय थीं और 10,385 कंपनियां दिवालिया होने की प्रक्रिया में जा चुकी हैं. इसके साथ ही 27,022 कंपनियों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाए जाने की प्रक्रिया चालू थी. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान रजिस्टर हुईं 1,85,312 कंपनियों की कुल पूंजी 30,927.40 करोड़ रुपये थी. इनमें से 71 फीसदी सर्विस सेक्टर, 23 फीसदी इंडस्ट्रियल सेगमेंट और 6 फीसदी एग्रीकल्चर सेक्टर में शुरू हुई हैं.
महाराष्ट्र में रजिस्टर हुईं सबसे ज्यादा कंपनियां
सबसे ज्यादा 17.6 फीसदी नई कंपनियां महाराष्ट्र में रजिस्टर हुई हैं. 31 मार्च, 2024 तक देश में 5,164 विदेशी कंपनियां भी रजिस्टर थीं. इनमें से 3,288 कंपनियां (64 फीसदी) एक्टिव थीं. मार्च, 2024 में भारत में 67 फीसदी डायरेक्टर्स पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं थीं. नए डायरेक्टर्स में से 43 फीसदी 31 से 45 उम्र के बीच हैं.