Standing Wheelchair: digi desk/BHN/ व्हीलचेयर विकलांगों के लिए एक बड़ा सहारा है, इसकी मदद से विकलांग-जन अपने अधिकतर कार्य करने में सक्षम होते हैं। वह इस पर बैठ कर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जाने में सक्षम होते हैं। लेकिन अगर इन्हीं विकलांगों को खड़ा होना पड़े तो वह फिर बैसाखी का सहारा लेते हैं, क्योंकि व्हीलचेयर सिर्फ बैठकर ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए होती है। लेकिन अब दिव्यांग व्हीलचेयर की मदद से बैठकर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के साथ-साथ अब खड़े होकर भी इसके सहारे एक जगह से दूसरी जगह जा पाएंगे। जिस खास व्हीलचेयर की हम बात कर रहे हैं यह पूर्णतः स्वदेशी व्हीलचेयर है, जो मोटर से चलती है। चलिए जानते हैं इसकी खासियत..
उबड़-खाबड़ जगह पर चलने में आसान
इस नई व्हीलचेयर के सहारे निःशक्त व्यक्ति अपने पैरों पर आसानी से खड़े हो सकता है। इस खास तरह की व्हीलचेयर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के शोधकर्ताओं ने स्वदेशी मोटर चलित व्हीलचेयर के रूप में तैयार किया है। इस चेयर को उन्होंने नियोबोल्ट नाम दिया है। इस व्हीलचेयर की खास बात यह है कि इसे आप न सिर्फ सड़कों पर बल्कि उबड़-खाबड़ जगहों पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न संगठनों और अस्पतालों के साथ व्यापक सहयोग करने के बाद इस चेयर को उपयोगकर्ताओं के अनुभवों और डिजाइन में लगातार बदलाव के आधार पर बनाया है।
नियोबोल्ट व्हीलचेयर स्वदेशी निर्मित है जो मोटर से चलती है। इसकी स्पीड की अगर बात करें तो यह 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। एक बार इसे चार्ज करने पर 25 किमी तक चला जा सकता है। इस व्हीलचेयर को लेकर सोमवार को आईआईटी मद्रास की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि लिथियम-आयन बैटरी से लैस नियोबोल्ट एक बार चार्ज होने के बाद 25 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से 25 किमी तक का सफर कर सकती है।
दिव्यांगजनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं
दिव्यांगजनों के लिए यह व्हीलचेयर किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी। यह अन्य वाहनों की तुलना में बाहर आवाजाही के लिए सुविधानजनक, सुरक्षित और कम लागत वाले माध्यम के साथ निःशक्तजनों को सशक्त बनाता है। संस्थान के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन के नेतृत्व में आईआईटी-एम के अनुसंधान दल ने वाहन पेश किया है। यह वाहन सुजाता द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप ‘नियोमोशन’ के माध्यम से पेश किया गया है। सुजाता टीटीके सेंटर फाॅर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट की संकाय प्रमुख भी हैं।
कितनी है इसकी कीमत
अब तक आप इस व्हीलचेयर की सारी खासियत तो जान ही चुके होंगे तो चलिए अब इसकी कीमत के बारे में जानते हैं। कंपनी के पर्सनलाइज्ड व्हीलचेयर ‘नियोफ्लाई’ की कीमत 39,900 रूपये है जबकि मोटराइज्ड ऐड-ऑन व्हीलचेयर ‘नियोबोल्ट’ की कीमत 55,000 रूपये तय की गई है। जिस भी व्यक्ति को इस व्हीलचेयर की आवश्यकता है वह कंपनी की वेबसाइट पर विजिट करके वहां 1000 रूपये का रजिस्ट्रेशन कर अपने ऑर्डर की प्री-बुकिंग कर सकते हैं। इसकी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से सामान्य है, जिसे कोई भी आसानी से कर सकता है।
प्रोफेसर सुजाता ने इस व्हीलचेयर को लेकर कहा कि ‘‘हमारे केंद्र की दृष्टि कार्यात्मक और किफायती सहायक उपकरण बनाकर भारत में शारीरिक अशक्तता से जुड़े परिदृश्य को बदलना है। व्हीलचेयर उपयोगकर्ता आमतौर पर अपने घर की चार दीवारों तक सीमित होते हैं, जो उनकी सामुदायिक भागीदारी को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इस चेयर का उद्देश्य भारत और पूरी दुनिया के लिए भारत में बने क्रांतिकारियों और विश्वस्तरीय व्हीलचेयर उत्पादों के द्वारा इस परिदृश्य को बदलना है।